Maharashtra News Family will get compensation on death of prisoner in jail Devendra Fadnavis ann
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक अहम फैसला लिया है. सरकार ने तय किया है कि अगर किसी कैदी की जेल के भीतर मृत्यु होती है तो उसके परिवार को मुआवजा दिया जाएगा. इसमें पांच लाख तक के मुआवजे का प्रावधान है.
यह निर्णय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के अनुसार लिया गया है. आज इस संबंध में एक सरकारी प्रस्ताव (GR) भी जारी कर दिया गया है, जिसमें मुआवजे से जुड़ी विस्तृत शर्तें और प्रावधान बताए गए हैं.
किन परिस्थितियों में मिलेगा मुआवजा?
- जेल के भीतर कार्य करते समय हादसे या चोट से मृत्यु होने पर मिलेगा 5 लाख रुपये का मुआवजा
- जेल चिकित्सा अधिकारी या कर्मचारियों की लापरवाही से मृत्यु पर मिलेगा 5 लाख रुपये का मुआवजा.
- जेल अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा शारीरिक प्रताड़ना या मारपीट से मृत्यु होने पर मिलेगा 5 लाख रुपये का मुआवजा.
- जेल के भीतर कैदियों के बीच लड़ाई/हमले में मृत्यु और प्रशासन की लापरवाही साबित होने पर मिलेगा 5 लाख रुपये का मुआवजा.
- जेल में आत्महत्या करने की स्थिति में परिवार को 1 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
किन परिस्थितियों में नहीं मिलेगा मुआवजा?
- प्राकृतिक रूप से वृद्धावस्था या बीमारी से मृत्यु होने पर
- जेल में प्राकृतिक आपदा (जैसे भूकंप, बाढ़) से मृत्यु होने पर
- जेल से भागते समय या हिरासत से भागने के प्रयास में मृत्यु होने पर
- जमानत पर या जेल से छुट्टी के दौरान मृत्यु होने पर
- भूख हड़ताल या उपचार से इनकार करने की वजह से मृत्यु होने पर
मृत्यु के बाद क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी?
अगर किसी कैदी की मृत्यु होती है तो जेल अधीक्षक को इसकी प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट तैयार करनी होगी. यह रिपोर्ट कार्यकारी मजिस्ट्रेट का पंचनामा, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु का अंतिम कारण, मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट, जिला मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट, कैदी के सभी चिकित्सा दस्तावेज और अन्य सहायक दस्तावेजों के साथ क्षेत्रीय जेल प्रमुख को सौंपी जाएगी.
कैसे मिलेगा मुआवजा?
अगर क्षेत्रीय प्रमुख को लगता है कि मृत्यु मुआवजे योग्य परिस्थितियों में हुई है, तो वे सतर्कता दल से विस्तृत जांच करवाएंगे. जांच के बाद मेडिकल बोर्ड से भी राय ली जाएगी. फिर सारी रिपोर्टों के आधार पर एक प्रस्ताव बनाकर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक (जेल व सुधार सेवाएं), महाराष्ट्र राज्य, पुणे को भेजा जाएगा.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वारा जांच के बाद प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा. सरकार की स्वीकृति मिलने पर ही मुआवजे का वितरण किया जाएगा.