Mamata Banerjee allegations on Murshidabad violence top security sources told ABP News there was no infiltration from Bangladesh border ann
Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर देश के सुरक्षा-तंत्र से जुड़े टॉप सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ से साफ कहा कि बांग्लादेश बॉर्डर से कोई घुसपैठ नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने अवांछित तत्वों को बांग्लादेश से भारत की सीमा में दाखिल होने की इजाजत नहीं दी है, जो मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में शामिल रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को एक सार्वजनिक सभा में बीएसएफ, बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) और केंद्रीय एजेंसियों पर बॉर्डर से असामाजिक तत्वों की घुसपैठ कर मुर्शिदाबाद और दूसरे सीमावर्ती इलाकों में हिंसा और दंगा कराने का आरोप लगाया था. भारत और बांग्लादेश के बीच करीब 4000 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है (4096.7 किलोमीटर). इसमें से पश्चिम बंगाल से सटी सीमा करीब 2217 किलोमीटर है. हालांकि, करीब 80-85 प्रतिशत बॉर्डर पर फैन्स यानी कटीली तार लग चुकी है, लेकिन नदी और नालों इत्यादि से घुसपैठ की आशंका जरूर बनी रहती है. बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के कंधों पर ही है.
मुर्शिदाबाद में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती
हिंसा भड़कने के बाद गृह मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद में कानून-व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए नौ कंपनियां बीएसएफ की और छह कंपनियां सीआरपीएफ की तैनात की है. बीएसएफ की ये कंपनियां, बॉर्डर पर तैनात सीमा-प्रहरियों के अतिरिक्त हैं. बीएसएफ के एडिशनल डीजी रवि गांधी खुद दो दिन तक हिंसा-प्रभावित इलाकों का दौरा कर आए हैं.
बांग्लादेश के 2 आतंकी संगठनों पर हिंसा कराने का आरोप
बीएसएफ की इंटेजिलेंस रिपोर्ट में हालांकि, मुर्शिदाबाद की हिंसा के लिए बांग्लादेश से ऑपरेट करने वाले आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश और अंसारुल्लाह बांग्लादेश टीम (एबीटी) पर अपने स्लीपर एजेंट के जरिए दंगा कराने की तरफ इशारा जरूर किया गया था.
रिपोर्ट में बांग्लादेश के दो ऐसे संगठनों, जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम को अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जमात और अंसारुल्लाह ने पिछले कुछ समय से सीमावर्ती मुर्शिदाबाद और दूसरे इलाकों में कई वीडियो कॉल कर स्थानीय युवाओं को भड़काने का काम किया. बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठनों ने 12-25 वर्ष के युवाओं को हिंसा भड़काने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
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