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Mastermind fraud worth crores arrested in Delhi scam in real estate name of dream project ann


Delhi Crime News: ‘सपनों का घर’ देने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये हड़पने वाले एक शातिर रियल एस्टेट कारोबारी अनिल मिठास को आर्थिक अपराध शाखा दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर करोड़ों की बैंक धोखाधड़ी और धन की हेराफेरी का आरोप है.

मामले की शुरुआत ICICI बैंक की शिकायत से हुई थी. बैंक ने बताया कि उसने वर्ष 2016-17 में नोएडा के अरायना प्रोजेक्ट और गुरुग्राम के एल्डर ग्रोव व यूनिवर्ल्ड रिजॉर्ट्स के निर्माण कार्य के लिए M/s Unnati Fortune Holding Limited को कुल 165 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. लेकिन बाद में पता चला कि प्रोजेक्ट का काम अधूरा रहा और पैसे कहीं और भेज दिए गए. 

घोटाले की परतें खुली
बैंक का दावा है कि कंपनी ने झूठे दस्तावेज और भ्रामक जानकारी देकर लोन लिया. बाद में यह भी सामने आया कि जिन फ्लैट्स को गिरवी रखा गया था, उन्हें पहले से ही दूसरी कंपनी Nupur Finvest Pvt. Ltd. के साथ बंधक बनाया गया था. इस दोहरी धोखाधड़ी ने पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में खलबली मचा दी.

ऑडिट रिपोर्ट ने खोली पोल
इस घोटाले की गहराई तब सामने आई जब राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की और एक अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया. ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया कि मार्च 2014 से मार्च 2019 के बीच कंपनी ने जानबूझकर करोड़ों रुपये अपनी सिस्टर कंपनियों, शेल कंपनियों और संबंधित पक्षों को ट्रांसफर किए.

गिरफ्तारी से पहले महीनों चली जांच
पुलिस ने बैंक अधिकारियों, ऑडिटर, निवेशक कंपनी और समाधान पेशेवर समेत तमाम गवाहों से पूछताछ की. सैकड़ों दस्तावेज खंगाले गए और डिजिटल ट्रांजेक्शन की बारीकी से जांच की गई. आरोप पुख्ता होने पर 8 मई को अनिल मिठास को गिरफ्तार कर लिया गया.

कौन है अनिल मिठास ?
अनिल मिठास नोएडा निवासी हैं और ‘उन्नति ग्रुप’ के प्रमुख शेयरधारक और निर्देशक हैं. उनकी छवि एक सफल रियल एस्टेट डेवलपर की रही है, लेकिन उनके खिलाफ पहले भी कई गंभीर मामले दर्ज हैं,  जिनमें 2017 और 2020 में दर्ज धोखाधड़ी के केस और एक ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच भी शामिल है.

EOW की सख्त कार्रवाई जारी
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा अब इस पूरे मामले में शामिल अन्य कंपनियों और व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच कर रही है. यह मामला दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट घोटालों की उस कड़ी का हिस्सा बन गया है, जिसमें आम जनता के विश्वास और बैंकों की पूंजी के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया गया.

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