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Mehbooba Mufti On Satya Pal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तबीयत बिगड़ गई है. उनका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में चल रहा है. इस बीच सीबीआई ने गुरुवार को किरू पनबिजली परियोजना रिश्वत मामले में सत्यपाल मलिक और पांच अन्य के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया है. अब इसे लेकर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”सत्यपाल मलिक को किडनी फेल होने के बाद डायलिसिस पर इतनी गंभीर हालत में देखना दुखद है. इसी समय, सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर में एक जलविद्युत परियोजना के ठेके के आवंटन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. कुछ लोग इस क्षण को एक ऐसे व्यक्ति की विरासत में एक जटिल अध्याय के रूप में देख सकते हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के विघटन और विखंडन में अहम भूमिका निभाई.”

क्या है ठेके में गड़बड़ी का मामला?

सीबीआई ने 2022 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कहा था कि ये मामला 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर (HEP) परियोजना के सिविल कार्यों के लगभग 2,200 करोड़ रुपए के ठेके को एक निजी कंपनी को देने में कथित गड़बड़ी से संबंधित है. सीबीआई ने जांच के सिलसिले में साल 2024 में दिल्ली और जम्मू में 8 जगहों पर तलाशी ली थी. दिलचस्प बात यह है कि इस ठेके के आवंटन में रिश्वतखोरी की बात खुद मलिक ने उठाई थी, जब वह 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे.

सत्यपाल मलिक ने क्या लगाए थे आरोप?

उस दौरान जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई. बताया गया कि इनमें से एक किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से जुड़ी थी. हालांकि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया था. 1949 में स्थापित प्रमुख बुनियादी ढांचा और निर्माण कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को सिविल कार्यों का ठेका दिए जाने पर सवाल उठाया गया.

सीबीआई ने पटेल इंजीनियरिंग के साथ-साथ चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के अध्यक्ष, एमडी और निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया. प्राथमिकी में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और बिजली विभाग द्वारा जांच की गई थी और पाया गया कि परियोजना में सिविल कार्यों के आवंटन में ई-टेंडरिंग के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था. इसके अलावा, जलविद्युत परियोजना के खिलाफ घटिया काम और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में विफलता के आरोप भी लगाए गए. 

बता दें कि किरू जलविद्युत परियोजना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले की किश्तवाड़ तहसील में चिनाब नदी पर विकसित की जा रही एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है.





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