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Mumbai Police Banned Flying Drones Microlight Aircraft Paragliders And Hot Air Balloons For a Month


Mumbai Police Banned Flying Objects: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के आसमान में अब एक महीने तक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट नहीं दिखेंगे. मुंबई पुलिस ने ड्रोन, रिमोट- कंट्रोल माइक्रोलाइट विमान, पैराग्लाइडर और हॉट एयर बैलून उड़ाने पर एक महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. एक अधिकारी ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को इस संबंध में जानकारी साझा की है. ये प्रतिबंध 31 अक्टूबर से लेकर 29 नवंबर तक लागू रहेगा. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने हैं. वहीं, 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की बरसी भी है.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सोमवार (28 अक्टूबर) को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा आदेश जारी किया और यह 31 अक्टूबर से 29 नवंबर तक लागू रहेगा. पुलिस का कहना है कि ड्रोन या फिर किसी फ्लाइंग ऑब्जेक्ट के जरिए किसी को निशाना बनाया जा सकता है, ऐसे में प्रतिबंध जरूरी है. 

मुंबई में फ्लाइंग ऑब्जेक्ट पर बैन क्यों?

शहर 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की बरसी के लिए प्रमुख नेताओं के अभियान और रैलियों का गवाह बनेगा. आदेश में कहा गया है कि आतंकवादी और असामाजिक तत्व अपने हमलों में वीवीआईपी को निशाना बनाने, लोगों की जान को खतरे में डालने और मुंबई पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने के लिए ड्रोन, रिमोट-कंट्रोल माइक्रोलाइट विमान और पैराग्लाइडर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में उड़ने वाली वस्तुओं के माध्यम से संभावित तोड़फोड़ को रोकने के लिए कुछ प्रतिबंध जरूरी हैं.

आदेश के मुताबिक अधिकारी ने बताया इसे ध्यान में रखते हुए, ड्रोन, रिमोट-नियंत्रित माइक्रोलाइट विमान और पैराग्लाइडर की उड़ान गतिविधियां नहीं होंगी. हालांकि इसमें ये भी कहा गया है कि पुलिस की हवाई निगरानी या डीसीपी (ऑपरेशंस) की विशिष्ट अनुमति को छोड़कर मुंबई पुलिस के अधिकार क्षेत्र में अनुमति दी जाएगी. 

आदेश के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई

आदेश में कहा गया है कि नियमों को तोड़ने और प्रतिबंध के बावजूद ड्रोन, एयर बैलून समेत कोई भी फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को आसमान में उड़ाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उल्लंघन करने वालों को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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