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Mussoorie  Protest: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है. उत्तराखंड की हसीन वादियों में बसी पहाड़ों की रानी मसूरी में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा विरोध जताया. उन्होंने काली पट्टी बांधकर मस्जिदों में नमाज अदा की और आतंकी हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर संवेदना प्रकट की. स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद में एकत्र होकर एकता और सद्भावना का परिचय दिया. 

इस दौरान उन्होंने “पाकिस्तान मुर्दाबाद” और “हिंदुस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए. स्थानीय लोगों ने साफ शब्दों में कहा कि आतंकी घटनाएं न केवल निर्दोष लोगों की जान ले रही हैं, बल्कि देश के भीतर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश भी रची जा रही है. उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकियों और उनके सरपरस्त संगठनों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की है.

आतंकवादियों को उन्हीं के भाषा में मिले जवाब
स्थानीय निवासी मोहम्मद मोनीश ने कहा, “यह हमला मानवता पर हमला है. आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और जो लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं, वे इस्लाम के सच्चे अनुयायी नहीं हो सकते. हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि ऐसे दरिंदों को बख्शा न जाए और उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया जाए जो वे समझते हैं.”

‘आतंकी गतिविध में शामिल लोगों को मार दी जाए गोली’
मोहम्मद असलम खान नाम के एक अन्य शख्स ने कहा, “जो भी आतंकी गतिविधियों में शामिल है, उन्हें गोली मार देनी चाहिए. हमें सख्त रुख अपनाने की जरूरत है ताकि कोई भी दुबारा इस तरह की घिनौनी हरकत करने का साहस न कर सके. पाकिस्तान लगातार भारत में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है. अब वक्त आ गया है कि उसे करारा जवाब दिया जाए.”

मुस्लिम समुदाय ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाएं केवल निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर पूरे देश को अस्थिर करने की साजिश हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में शांति बहाल करने के लिए केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे.

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए, आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्कता बरतनी होगी.

आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश
मसूरी से उठी यह आवाज एक बार फिर यह साबित करती है कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है. यहां के मुसलमानों ने न केवल आतंकवाद की भर्त्सना की, बल्कि देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता का संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि भारत की मिट्टी में वो ताकत है जो हर आतंकी मंसूबे को चकनाचूर कर सकती है, बशर्ते हम सब मिलकर एकजुट रहें.

इस तरह मसूरी का यह शांतिपूर्ण और सशक्त विरोध एक मिसाल है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी एक धर्म या समुदाय की नहीं, बल्कि पूरे देश की लड़ाई है और इस लड़ाई में हर भारतीय शामिल है.

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