National Herald money laundering case Rouse Avenue Court took cognizance of ED against Rahul Gandhi Sonia Gandhi and Sam Pitroda ann
National Herald Money Laundering Case: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चार्जशीट दायर की है. आरोप है कि यंग इंडियन लिमिटेड के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति का दुरुपयोग किया गया और इसका लाभ कांग्रेस नेताओं को मिला. राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया.
मामले पर राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने से पहले आरोपियों को सुनने का अधिकार छीना नहीं जा सकता. कोर्ट ने जोर देकर कहा कि अभी केस की मेरिट्स पर बहस नहीं होगी, केवल आरोपियों को समन देने से पहले उन्हें सुनने का मौका दिया जाएगा.
ईडी की दलील क्या रही?
ईडी ने कहा कि अगर कोर्ट नोटिस जारी करता है और आरोपियों को सुनता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है. ईडी ने कोयला घोटाला मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वहां बिना सुनवाई के समन जारी करने पर कार्यवाही को रोका था. 7 मई 2025 को अगली सुनवाई होगी. इस दिन कोर्ट तय करेगा कि वह राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य को समन जारी करेगा या नहीं.
भारत के सबसे चर्चित राजनीतिक मामलों में से एक
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस भारत के सबसे चर्चित राजनीतिक मामलों में से एक है, जिसमें कांग्रेस पार्टी, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड, और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के बीच हुए लेनदेन को लेकर गहरे सवाल उठाए गए हैं.आरोप है कि कांग्रेस पार्टी ने 90.21 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त कर्ज एजेएल को दिया, जिसे बाद में चुकाया नहीं गया.2010 में यह कर्ज यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को सिर्फ ₹50 लाख में ट्रांसफर कर दिया गया, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है. इसके बदले यंग इंडियन ने एजेएल की 99% हिस्सेदारी और ₹2,000 करोड़ मूल्य की संपत्ति पर नियंत्रण हासिल कर लिया.
ईडी की जांच और चार्जशीट
2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस लेनदेन को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मानते हुए जांच शुरू की.अप्रैल 2025 में, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, जिनमें उन्हें क्रमशः आरोपी नंबर 1 और 2 नामित किया गया.ईडी के अनुसार, यंग इंडियन ने कोई भी चैरिटेबल गतिविधि नहीं की, जैसा कि उसका दावा था. चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि संपत्तियों का यह ट्रांसफर एक आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का हिस्सा था.