NIA big blow in ak 47 gun founded on muzaffarpur railways station in bihar investigation leads threats on national security ann
NIA on AK-47 founded on Muzaffarpur Railway Station: बिहार की सरजमीं पर एक खौफनाक साजिश ने दस्तक दी थी. रेलवे स्टेशन की भीड़ में छिपा था बारूद और उसका निशाना देश की जड़ें थीं. मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन से शुरू हुई यह कहानी एके-47 की बट और लेंस की बरामदगी तक सीमित नहीं रही. अब यह राष्ट्रविरोधी साजिश की वो परतें उधेड़ रही है, जिससे देश की सुरक्षा एजेंसियां भी हतप्रभ हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार के मुजफ्फरपुर की स्पेशल कोर्ट में दाखिल चार आरोपियों के सप्लिमेंट्री चार्जशीट में बड़ा खुलासा किया. विकास कुमार, सत्यम कुमार, देवमणि राय उर्फ अनीश और अहमद अंसारी ये चार नाम अब सिर्फ अपराधी नहीं, बल्कि देश की एकता और अखंडता पर हमला करने की साजिश में शामिल किरदार हैं.
रेल की पटरियों पर नहीं, देश के खिलाफ चल रही थी ट्रेनिंग
7 मई, 2024 की सुबह जब रेलवे पुलिस ने दो युवकों को संदिग्ध हालत में पकड़ा था, किसी ने नहीं सोचा था कि उनके बैग से एके-47 की बट और राइफल लेंस निकलेंगे. पूछताछ में जैसे ही देवमणि राय का नाम सामने आया, जांच टीम तेजी से हरकत में आई. उसके घर से न केवल एके-47 राइफल, बल्कि जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए.
NIA का बड़ा आरोप, हथियार नक्सलियों तक पहुंचाने की साजिश
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि ये आरोपी केवल हथियार के सौदागर नहीं, बल्कि देश के दुश्मनों से भी जुड़े हुए हैं. प्रतिबंधित बोर के हथियारों की खरीद-फरोख्त कर ये उन्हें नक्सलियों और आपराधिक गिरोहों तक पहुंचा रहे थे. इन हथियारों की फंडिंग और लॉजिस्टिक्स भी इन्हीं के जरिए हो रही थी.
देश की सुरक्षा को चुनौती देने वाला नेटवर्क
NIA के अनुसार, चारों आरोपी न केवल हथियार ला रहे थे, बल्कि उन्हें देश के दुश्मनों तक पहुंचाने के लिए साजिश रच रहे थे. इन पर अब भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (षड्यंत्र) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA की धारा 13 और 18 भी लगा दी गई हैं. ये वही कानून हैं, जो आतंकवादियों और संगठित राष्ट्रविरोधी अपराधियों पर लगाए जाते हैं.
सवालों के घेरे में नेटवर्क, आगे और गिरफ्तारियों की आशंका
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या ये चारों सिर्फ मोहरे थे या इनके पीछे कोई बड़ा मास्टरमाइंड है? NIA की टीम इस पूरे नेटवर्क की परतें उधेड़ने में जुटी है. सूत्रों की मानें, तो जल्द ही और नाम सामने आ सकते हैं.