NITI Aayog meeting MK Stalin to PM Modi said It is not right to have to sue for funds what Bhagwant Mann said
NITI Aayog Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार (24 मई, 2025) को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक का आयोजन हुआ. इस दौरान पीएम मोदी ने विकसित भारत के लिए सभी राज्यों से मिलकर काम करने की मांग की. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र से राज्य के लिए और फंड की मांग की. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनके राज्य के पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में त्रिभाषा नीति को लेकर केंद्र सरकार से टकराने वाली डीएमके ने फंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दावा किया गया है कि इसी वजह से राज्य को मिलने वाली 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि रोकी जा रही है.
‘अपने हक का फंड पाने के लिए संघर्ष करना ठीक नहीं’
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल में बोलते हुए डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने कहा कि भारत जैसे संघीय लोकतंत्र में राज्यों के लिए यह आदर्श नहीं है कि वे अपने हक का फंड पाने के लिए संघर्ष करें, बहस करें या मुकदमा करें. यह राज्य और देश दोनों के विकास में बाधा डालता है.
स्टालिन ने विभाज्य कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की वकालत करते हुए कहा कि 15वें वित्त आयोग ने विभाज्य कर राजस्व का 41 प्रतिशत राज्यों के साथ शेयर करने की सिफारिश की थी. उन्होंने दावा किया कि पिछले चार सालों में केंद्र के सकल कर राजस्व का केवल 33.16 प्रतिशत ही राज्यों के साथ शेयर किया गया है.
‘रावी, ब्यास और सतलुज में पहले से ही पानी की कमी’
वहीं, हरियाणा को पानी देने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि रावी, ब्यास और सतलुज नदियों में पहले से ही पानी की कमी है और पानी को घाटे वाले बेसिनों में भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब ने बार-बार अनुरोध किया है कि उसे यमुना के पानी के आवंटन के लिए बातचीत में शामिल किया जाए, क्योंकि यमुना-सतलुज-लिंक परियोजना के तहत एक समझौता हुआ था. जिस पर 12 मार्च 1954 को तत्कालीन पंजाब और उत्तर प्रदेश के बीच हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत पंजाब को यमुना के दो-तिहाई पानी का हक मिला था. भगवंत मान ने कहा कि समझौते में यमुना से सिंचित होने वाले क्षेत्र को निर्दिष्ट नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि पुनर्गठन से पहले, रावी और ब्यास की तरह यमुना भी पंजाब से होकर बहती थी.
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