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Omar Abdullah CM Jammu Kashmir To MEA Spokesperson Randhir Jaiswal ensure safety of Kashmiri students in Iran Israel Tension


Omar Abdullah On Kashmiri Students: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इजरायल की ओर से ईरान पर किए गए हमले को लेकर कड़ी निंदा की है. वहीं इस बीच सीएम दफ्तर की ओर से ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों को लेकर चिंता जताई गई है. साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय से ईरान में फंसे इन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री दफ्तर ने एक्स हैंडल पर लिखा, “विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से अनुरोध है कि वे ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा तत्काल सुनिश्चित करें. उनके परिवार बहुत चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं. हमारे छात्रों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाना चाहिए.”

‘ईरान पर इजरायल का हमला पूरी तरह अनुचित’ 

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार (13 जून) को कहा, ”ईरान पर इजरायल का हमला पूरी तरह अनुचित है क्योंकि इस्लामी गणराज्य ने यहूदी राष्ट्र को उसके खिलाफ युद्ध छेड़ने का कोई वजह नहीं दिया. इजरायल ने अपनी इच्छा से देश के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया.” पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुल्ला ने कहा, ”अगर वैश्विक शक्तियां इजरायल के आक्रमण पर चुप रहती हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा.”

वैश्विक शक्तियां चुप क्यों हो जाती हैं- उमर अब्दुल्ला

सीएम उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, “आज इजरायल ने वही किया जो रूस ने यूक्रेन के साथ किया था. आप रूस के खिलाफ आवाज उठाते हैं और रूस के खिलाफ आंदोलन शुरू होता है, लेकिन जब इजरायल ईरान पर हमला करता है, तो विश्व की शक्तियां – चाहे वह अमेरिका, यूरोप या कोई अन्य देश हों, चुप हो जाती हैं.”

मध्य पूर्व में स्थिति और खराब होगी- उमर अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के सीएम ने दावा करते हुए ये भी कहा कि मध्य पूर्व में स्थिति और खराब होगी और इसका दुनिया पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा, “इसका हमारे ईंधन की कीमतों, हमारे शेयर बाजार और पश्चिम की ओर जाने वाली उड़ानों पर प्रभाव पड़ सकता है. लेकिन, इससे भी अधिक इसका लोगों की भावनाओं पर प्रभाव पड़ता है.” 

बता दें कि इजरायल ने शुक्रवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान पर हमला किया, जिसमें देश के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया गया और मध्य पूर्व के दो कट्टर विरोधियों के बीच एक पूर्ण युद्ध की संभावना को बढ़ा दिया. यह 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद से ईरान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. 





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