Operation Sindoor Defence Ministry says milestone in technological self reliance 23 minutes story | ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को कितना नुकसान? रक्षा मंत्रालय ने किया बड़ा खुलासा
Defence Ministry On Operation Sindoor: रक्षा मंत्रालय ने बुधवार (14 मई 2025) को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत की रक्षा शक्ति और तकनीकी ताकत में हुई जबरदस्त वृद्धि को प्रदर्शित किया, क्योंकि सेना ने सीमा पार किए बिना ही पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए और उन्हें नष्ट कर दिया. मंत्रालय ने कहा कि अभियान में भारतीय डिफेंस सिस्टम के दुश्मन की टेक्नोलॉजी को नष्ट करने के ठोस सबूत भी मिले, जिनमें चीनी मूल की पीएल-15 मिसाइल और तुर्किये के ‘यीहा’ नाम के मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) के टुकड़े शामिल हैं. रक्षा मंत्रालय ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में कहा कि यह ऑपरेशन मिलिट्री ऑपरेशन्स में तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक “मील का पत्थर” है.
सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमलों की ओर इशारा करते हुए मंत्रालय ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को चीन से हासिल वायु रक्षा प्रणालियों को जाम कर दिया और अभियान को महज 23 मिनट में पूरा कर भारत की तकनीकी ताकत में हुई जबरदस्त वृद्धि को प्रदर्शित किया. रक्षा मंत्रालय ने कहा, “लंबी दूरी के रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और वाणिज्यिक ड्रोन बरामद किए गए और उनकी पहचान की गई, जिससे पता चला कि पाकिस्तान की ओर से उसे विदेश से मिले उन्नत हथियारों का फायदा उठाने की कोशिशों के बावजूद भारत का स्वदेशी वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध नेटवर्क बेहतर साबित हुआ.”
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में बनाई अभेद्य दीवार
रक्षा मंत्रालय ने ऑपरेशन के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि सेना, नौसेना और वायुसेना की विभिन्न प्रणालियों से लैस भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने असाधारण तालमेल के साथ काम किया और एक अभेद्य दीवार बनाई, जिससे पाकिस्तान की ज्यादातर जवाबी कार्रवाई नाकाम हो गई. मंत्रालय ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर असंयमित युद्ध के उभरते स्वरूप के खिलाफ एक सुनियोजित सैन्य प्रतिक्रिया के रूप में उभरा, जिसमें सैन्य कर्मियों के साथ-साथ निहत्थे नागरिकों को भी निशाना बनाया जाता है.”
‘ऑपरेशन सिंदूर भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर’
डिफेंस मिनिस्ट्री ने बताया, “अप्रैल में पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले ने इस बदलाव की ओर ध्यान आकर्षित किया. भारत की प्रतिक्रिया सुविचारित, सटीक और रणनीतिक थी.” रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सामरिक उत्कृष्टता के अलावा इस अभियान में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्वदेशी तकनीकी प्रणालियों का निर्बाध एकीकरण भी देखने को मिला. उसने कहा कि चाहे ड्रोन युद्ध हो या स्तरीय वायु रक्षा या इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है.
नूर खान और रहीमयार खान वायुसेना ठिकानों को बनाया निशाना
मंत्रालय ने कहा कि भारत के आक्रामक हमलों ने महत्वपूर्ण पाकिस्तानी वायुसेना ठिकानों – नूर खान और रहीमयार खान को सर्जिकल सटीकता के साथ निशाना बनाया. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि विनाशकारी प्रभाव के लिए ‘आत्मघाती ड्रोन’ सहित अन्य अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया, जिनमें से प्रत्येक ने दुश्मन के राडार और मिसाइल प्रणालियों सहित उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को चुन-चुनकर नष्ट कर दिया.
कैसे भारत ने नाकाम किया पाकिस्तान का हमला
मंत्रालय ने कहा कि दुश्मन के खतरों का मुकाबला करने के लिए मानवरहित हवाई प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक उपकरणों और वायु रक्षा हथियारों के साथ-साथ कंधे से दागे जाने वाले हथियारों को तैनात किया गया था. उसने कहा कि बहु-स्तरीय रक्षा व्यवस्था ने 9-10 मई की दरमियानी रात को भारतीय हवाई अड्डों और रसद प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तानी वायुसेना के हमलों को नाकाम कर दिया. रक्षा मंत्रालय ने कहा, “पिछले दशक में लगातार सरकारी निवेश से विकसित ये प्रणालियां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ताकत बढ़ाने वाली साबित हुईं.”
मंत्रालय ने कहा, “इन प्रणालियों ने यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई कि दुश्मन के जवाबी हमलों के दौरान पूरे भारत में नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान न पहुंचे.” मंत्रालय ने कहा कि सभी हमले भारतीय हथियारों एवं प्रणालियों को किसी तरह के नुकसान के बिना किए गए, “जो हमारी निगरानी, योजना और वितरण प्रणालियों की प्रभावशीलता को रेखांकित करता है.” रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लंबी दूरी के ड्रोन से लेकर निर्देशित हथियारों तक आधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ये हमले अत्यधिक प्रभावी और राजनीतिक रूप से नपे-तुले बने.