Operation Sindoor How Colonel Sofiya Qureshi feels to become a celebrity Sister Shayana Qureshi replied | ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेलिब्रिटी बन गईं कर्नल सोफिया कुरैशी, कैसा फील करती हैं? बहन बोलीं
ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी कैसा महसूस कर रही हैं, इसका जवाब उनकी बहन शायना कुरैशी ने दिया है. उनका कहना है कि कर्नल सोफिया कुरैशी से जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने बात की तो कर्नल सोफिया ने कहा कि हमारा देश शांति पसंद करता है. हालांकि, शायना कुरैशी का कहना है कि उनकी बहन मीडिया में बात नहीं करना चाहती हैं क्योंकि डिफेंस के अपने प्रोटोकॉल होते हैं, जिनको कर्नल कुरैशी फोलो करती हैं.
शायना कुरैशी ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब मैंने अपनी बहन कर्नल सोफिया कुरैशी से बात की तो मैंने उससे कहा कि मुझे तुम पर बहुत गर्व है कि तुम ऑपरेशन सिंदूर का एक फेस हो. कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ऑपरेशन सिंदूर का फेस हैं. मेरी बहन ने कहा कि हमारा देश शांति पंसद करता है. हमने ज्यादातर अपनी बातें कीं. हम ये सब कम शेयर करते हैं.’
उनसे पूछा गया कि कर्नल सोफिया कुरैशी ऑपरेशन सिंदूर का फेस हैं तो एक सेलिब्रिटी के तौर पर वह कैसा फील कर रही हैं. शायना कुरैशी ने कहा कि कर्नल सोफिया मीडिया में जाने के लिए मना करती हैं कि बात नहीं करना ज्यादा. वह डिफेंस में हैं तो उनके अपने प्रोटोकॉल्स होते हैं. डिफेंस में जो आर्मी ऑफिसर होते हैं वो टोटली वही है. मतलब वो पूरा प्रोटोकॉल फोलो करती है.
शायना कुरैशी ने एक वाकिया बताया कि कर्नल सोफिया में देश के लिए क्या जज्बा है. शायना कुरैशी ने कहा, ‘मैं एक चीज बताती हूं. मेरी और मेरी सिस्टर की आवाज बिल्कुल सेम है. एक बार किसी का कोई मैसेज देने के लिए कॉल आया मैंने फोन उठाया और उसने मैसेज दे दिया. मेरी बहन ने उस शख्स को डांट लगाई कि आपने कैसे मेरी बहन को मैसेज दिया. आपको कैसे पता ये मैं ही हूं. आवाज सेम होने से क्या व्यक्ति सेम हो जाता है.’
शायना कुरैशी ने कहा कि कर्नल सोफिया में देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा है और आज से नहीं जब से फोर्स में गई है तभी से. उन्होंने बताया कि उनके परिवार की जेनरेशन टू जेनरेशन फौज में रही है. उनके दादा आर्मी में थे, पापा आर्मी में और सिस्टर भी आर्मी में हैं और उनके पापा 1971 की वॉर में भी थे.
शायना कुरैशी ने कहा कि उनकी परदादी की दादी की जो दादी थीं वो लोरियां नहीं सुनाती थीं. वो झांसी की रानी की वीरगाथाएं सुनाती थीं, कैसे उन्होंने लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा कि ये हमारे परिवार के खून के अंदर ही है. अगर आप मुझे बॉर्डर पर भेज दोगे तो देखना.