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Operation Sindoor: जम्मू कश्मीर में LoC से सटे गांवों पर पाकिस्तान की गोलीबारी, भारतीय सेना ने कई चौकियों को किया ध्वस्त



<p style="text-align: justify;">जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित गांवों को निशाना बनाकर पाकिस्तानी सेना की ओर से भारी गोलाबारी जारी है. पाक सेना द्वारा मोर्टार गोले दागे जा रहे हैं, जिसमें चार बच्चों एवं एक सैनिक सहित कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई. 57 अन्य लोगों के घायल हुए हैं. &nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">पाकिस्तानी सेना द्वारा यह गोलाबारी भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए जाने के बाद की गई. यह पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी में से एक है.</p>
<p style="text-align: justify;">पाकिस्तान की अंधाधुंध गोलाबारी में सैकड़ों निवासियों को भूमिगत बंकरों में शरण लेने या सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. ऐसा इसलिए क्योंकि इस गोलाबारी में मकान, वाहन और एक गुरुद्वारा सहित विभिन्न इमारतें नष्ट हो गईं. इससे सबसे अधिक प्रभावित पुंछ जिले और राजौरी तथा उत्तरी कश्मीर के बारामूला और कुपवाड़ा में सीमावर्ती निवासियों में दहशत उत्पन्न हो गई.</p>
<p style="text-align: justify;">भारतीय सेना गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रही है, जिसके परिणामस्वरूप दुश्मन पक्ष के कई लोग हताहत हुए हैं. भारतीय सेना ने गोलीबारी में शामिल पाकिस्तान की कई चौकियों को ध्वस्त कर दिया है. दोनों देशों के बीच 25 फरवरी 2021 को युद्धविराम समझौते के नवीनीकरण के बाद यह पहली बार है कि इतनी भारी गोलाबारी देखी गई है.</p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल, सीमापार से भारी गोलाबारी भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमला करने के तुरंत बाद शुरू हुई. यह हमला 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए किया गया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत पाकिस्तान के बीच तनातनी चरम पर है. अब किसी भी समय एलआसी और भारत-पाक इंटरनेशनल बॉर्डर पर कुछ भी हो सकता है. वहीं, श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में सफल ऑपरेशन के बाद लाल चौक पर लोगों में खुशी का माहौल है.&nbsp;</p>



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