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Pahalgam Terror Attack Jama Masjid Imam Ahmad Bukhari tells Once Pervez Musharraf asked him to meet Lashkar E taiyba and Jaish E Mohammed


दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बताया कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने एक बार उन्हें लश्कर-ए-तयैबा और जैश-ए-मोहम्मद से मिलाने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने पहलगाम हमले पर पाकिस्तान को खूब लताड़ लगाई है और कहा कि उसकी हरकतों का असर हिंदुस्तान के करोड़ों मुसलमानों पर पड़ता है.

इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार के लिए उन्होंने नवाज शरीफ और परवेज मुशर्रफ से बात की थी. उनसे यह भी कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को समझाएं कि ऐसी हरकतें न करें क्योंकि हिंदुस्तानी मुसलमानों पर इसका असर पड़ता है. 

अहमद बुखारी ने कहा, ‘जब नवाज शरीफ हिंदुस्तान के दौरे पर आए थे, तो हमने उनसे गुफ्तुगू की थी. मैंने उनसे कहा कि अभी आपकी हुकूमत बनी है, हिंदुस्तान के साथ ताल्लुकात बेहतर बनाने की कोशिश कीजिए. हमें जिन हालातों से गुजरना पड़ता है, वो हम आपको दिखा नहीं सकते, बता सकते हैं.’ 

इमाम ने कहा कि नवाज शरीफ से उन्होंने कहा था कि शायद आप ये समझते हों कि जब क्रिकेट मैच होता है तो भारत के हारने पर हिंदुस्तानी मुसलमान तालियां बजाता है तो ऐसा नहीं है. वो इन चीजों से दूर रहता है. कभी एक जमाना था, एक दौर था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आप हिंदुस्तान के वजीर ए आजम से बात कीजिए ताकि दोनों देशों के बीच हालात बेहतर हों.

इमाम ने कहा, ‘मैंने परवेज मुशर्रफ से भी ये कहा था. मैंने कहा लश्कर और जैश को समझाइए, ये ऐसा क्यों कर रहे हैं. करते ये हैं और भुगतना हिंदुस्तान के मुसलमानों को पड़ता है. परवेज मुशर्रफ ने उस वक्त वहां बैठे हुए फौज के जनरल से कहा कि इनकी मुलाकात लश्कर और जैश से करवाइ, ये खुद बात करेंगे. मैंने कहा नहीं मैं उनसे नहीं मिलुंगा. आप खुद उनसे बात करो और उन्हें रोकन की कोशिश कीजिए. मैंने मना कर दिया कि न आज मिलुंगा और ना आगे कभी.’

इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि क्या पाकिस्तान ने सोचा है कि उसकी इस तरह की कातिलाना कार्रवाइयों का हिंदुस्तान के मुसलमानों पर कितना असर पड़ता है. इन वाकियात की वजह से हिंदुस्तान में नफरत का माहौल किस तरह बढ़ता जा रहा है, जिसने उन तमाम लोगों को परेशान कर रखा है, जो हिंदुस्तान में अमन से रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तो कर गुजरा, लेकिन क्या हिंदुस्तान के करोड़ों मुसलमानों को इस हालात में सफर करने में परेशानी नहीं होगी. क्या कारोबारों को दिक्कत नहीं होगी. इसका कोई जवाब पाकिस्तान के पास है.

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