Pahalgam Terror Attack jamaat-e-islami hind president syed sadatullah husaini says whoever trying to divide country is terrorist ann | पहलगाम हमले पर जमात-ए-इस्लामी हिंद का बड़ा बयान, कहा
Jamaat-e-Islami Hind : जमात-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने शनिवार (3 मई) को पहलगाम हमले और वक्फ कानून को लेकर बड़े बयान दिए हैं. उन्होंने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा, “पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में हुई दुखद जान-माल की हानि पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त करते हैं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. यह पूरी तरह से अमानवीय है और इसकी पूर्ण और स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए.”
उन्होंने कहा, “आतंकवादी हमले और निर्दोष लोगों के मारे जाने से पता चलता है कि सुरक्षा व्यवस्था अभी भी पर्याप्त नहीं है और क्षेत्र में भारी सैन्य उपस्थिति के बावजूद, नीतिगत खामियां मौजूद हैं, जो निर्दोष नागरिकों के जीवन को असुरक्षित बनाती हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि पहलगाम हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए, सुरक्षा संबंधी चूकों की उचित जांच की जाए और अधिक मजबूत व्यवस्थाएं स्थापित की जाएं और जो भी इस हमले के लिए दोषी है, उसको सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए.”
कश्मीर की स्थिति के बारे में बोले जमाअत के अध्यक्ष
जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने कश्मीर की स्थिति को लेकर कहा, “अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और कड़े सुरक्षा उपायों की विस्तारित अवधि के बाद सरकार ने जोर देकर कहा था कि कश्मीर में आतंकवाद पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया गया है. हालांकि, पहलगाम की दुखद घटना से संकेत मिलता है कि कश्मीर में सामान्य स्थिति हासिल नहीं हुई है. कड़ी निगरानी और सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त उपस्थिति के बावजूद ऐसी घटना ऐसे क्षेत्र में कैसे घटित हो सकती है?”
सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि कश्मीरी लोगों की उल्लेखनीय बहादुरी और आतिथ्य दिखाने के लिए सराहना की जाए. जिसका प्रमाण यह है कि उन्होंने हमले के दौरान कितने ही पर्यटकों को बचाया और उन्हें निस्वार्थ समर्थन दिया.
वक्फ कानून को लेकर जारी रहेगा विरोध
जमाअत के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी, जो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं, ने कहा, “हम वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के देशव्यापी प्रतिरोध का पुरजोर समर्थन करते हैं, जो संवैधानिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और धर्मदान की स्वायत्तता को कमजोर करता है. हम AIMPLB के व्यापक आंदोलन और वक्फ अधिनियम को कानूनी चुनौती देने का समर्थन करते हैं और नागरिकों से शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक तरीकों से इस अन्यायपूर्ण कानून का विरोध करने का आग्रह करते हैं और यह विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा.”
जाति जनगणना को लेकर जमाअत ने साफ किया अपना रुख
जाति जनगणना के बारे में सैयद सआदतुल्लाह ने कहा, “हम राष्ट्रीय जनगणना में जातिगत जनगणना को शामिल करने के निर्णय का स्वागत करते हैं. इसे ऐतिहासिक असमानताओं को दूर करने और इसे लक्षित, साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को सक्षम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में मानते हैं. हालांकि, सामाजिक न्याय को मजबूत करने और सभी उपेक्षित समुदायों के लिए समान विकास सुनिश्चित करने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए जाति जनगणना पारदर्शी, समावेशी और राजनीतिक हितों से मुक्त होनी चाहिए.”