President Rule imposed in Manipur BJP MP Sambit Patra saysIt is suspended animation
Sambit Patra on Manipur Political Crisis: मणिपुर में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. भाजपा सांसद संबित पात्रा ने इस पर बयान देते हुए कहा कि विधानसभा भंग नहीं हुई है, बल्कि यह “सस्पेंडेड एनिमेशन” में है.
राज्य में पिछले 21 महीनों से जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आखिरकार रविवार को इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे से मणिपुर की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा और केंद्र सरकार क्या निर्णय लेगी. सूत्रों के अनुसार, भाजपा अगले दो दिनों में नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला ले सकती है.
राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का आदेश जारी किया
मणिपुर विधानसभा सचिव के मेघजीत सिंह द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया कि राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने अनुच्छेद 174(1) के तहत विधानसभा को भंग करने का आदेश दिया. बता दें कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सिफारिश पर 12वीं मणिपुर विधानसभा का 7वां सत्र बुलाया गया था, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद यह सत्र शुरू नहीं हो पाया. इसके चलते राज्यपाल ने इस सत्र को निरस्त करने का फैसला लिया.
अविश्वास प्रस्ताव और मुख्यमंत्री पद की चुनौती
सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी. हाल ही में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, लेकिन भाजपा के पास सरकार बचाने के लिए पर्याप्त संख्या थी. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक करीब 12 विधायक मुख्यमंत्री परिवर्तन के पक्ष में थे और पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर अविश्वास प्रस्ताव में बीरेन सिंह के खिलाफ वोट कर सकते थे.
इस्तीफे से पहले की घटनाएं
2-3 फरवरी: राज्यपाल अजय भल्ला ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य के हालात पर रिपोर्ट सौंपी.
5 फरवरी: मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दिल्ली जाकर अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने का समय मांगा, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी.
6 फरवरी: बीरेन सिंह प्रयागराज पहुंचे और कुंभ में स्नान किया. इसी दौरान राज्यपाल भल्ला भी प्रयागराज पहुंचे.
7 फरवरी: बीरेन सिंह प्रयागराज से दिल्ली लौटे.
9 फरवरी: दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद वे मणिपुर लौटे और राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया. अब यह देखना अहम होगा कि भाजपा नया मुख्यमंत्री नियुक्त करती है या राष्ट्रपति शासन को आगे जारी रखती है. हालंकि मणिपुर में नए नेतृत्व को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.