Punjab All Party Meeting Over Water Issues BBMB AAP Bhagwant Mann sunil jakhar BJP Reaction
Punjab All Party Meeting On Water: पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच पंजाब की आम आदमी पार्टी नीत सरकार की ओर से शुक्रवार (02 मई) को चंडीगढ़ में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे पर सभी दलों ने एकजुट रुख अपनाया. दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच जल बंटवारे के मुद्दे पर नया विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि पंजाब सरकार ने बीजेपी शासित हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया है.
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने इस मुद्दे पर सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. सर्वदलीय बैठक के दौरान इस बात पर विचार किया गया कि आने वाले दिनों में पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं. बैठक में भाग लेने के लिए आप, कांग्रेस, बीजेपी, शिरोमणि अकाली दल (SAD) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सहित विभिन्न दलों के प्रतिनिधि पहुंचे. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की.
सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन नेता हुए शामिल?
सीएम भगवंत मान के अलावा, बैठक में भाग लेने वाले अन्य नेताओं में ‘आप’ की प्रदेश इकाई के प्रमुख अमन अरोड़ा, बीजेपी की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़, बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया, कांग्रेस के तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और राणा केपी सिंह, शिरोमणि अकाली दल के दलजीत सिंह चीमा और बलविंदर सिंह भूंदड़, बसपा की पंजाब इकाई के प्रमुख अवतार सिंह करीमपुरी और पार्टी विधायक नछत्तर पाल शामिल हुए.
‘BBMB के कुछ अधिकारियों को रातों-रात बदल दिया गया’
सर्वदलीय बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएम भगवंत मान ने कहा, ‘‘बैठक करीब दो घंटे तक चली और सभी दलों ने जल मुद्दे पर अपने विचार रखे.’’ केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब को दरकिनार कर यह मुद्दा हम पर थोपा गया है.’’ उन्होंने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने के फैसले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बीबीएमबी के कुछ अधिकारियों को भी रातों-रात बदल दिया गया.
पानी के मुद्दे पर सभी दल एकजुट- भगवंत मान
सीएम मान ने कहा, ‘‘सर्वदलीय बैठक के दौरान हमने इसकी निंदा की. हम पहले से ही मानवीय आधार पर हरियाणा को 4,000 क्यूसेक पानी दे रहे हैं. हमें धन्यवाद देने के बजाय, वे इस मुद्दे को कहीं और ले गए. सभी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि दलगत भावना से ऊपर उठकर हम पंजाब के साथ खड़े हैं. यह मुद्दा पंजाब की जीवन रेखा से जुड़ा है – जो पानी का मुद्दा है. इस मुद्दे पर सभी दल एकजुट हैं.’’
हम पंजाब के साथ खड़े हैं- अकाली दल
शिरामणि अकाली दल के नेतस भूंदड़ ने कहा सभी दलों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर यह फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह मुद्दा दलों के बारे में नहीं है, बल्कि पंजाब से जुड़ा है. हम पंजाब के साथ खड़े हैं. कानूनी तौर पर हम सही हैं. यह (जल बंटवारे का मुद्दा) पंजाब की जीवन रेखा से जुड़ा है. इस मुद्दे पर आम सहमति बनी है कि हम सभी एकमत हैं.’’
भगवंत मान ने सुनील जाखड़ का किया जिक्र
सीएम मान ने कहा कि विभिन्न दलों की ओर से कुछ सुझाव भी दिए गए, जिनमें यह भी शामिल है कि ‘‘हमें इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए. हम एक विशेष सत्र आयोजित करेंगे और इसके लिए एजेंडा तय किया जा रहा है.’’ संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने बगल में बैठे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ का उल्लेख करते हुये कहा कि उन्हें भी हकीकत पता है कि अंतिम छोर तक पानी कितनी मुश्किल से पहुंचता है, क्योंकि वह भी एक किसान परिवार से आते हैं.
‘इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जा सकता था’
हरियाणा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पूरे साल के लिए कोटा दिया गया है, फिर वे इसे खत्म कर लेते हैं और अधिक मांगते हैं, यह उचित नहीं है.’’ जाखड़ ने कहा कि बीजेपी की पंजाब इकाई राज्य के हितों के साथ खड़ी है, लेकिन उन्हें लगता है कि इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जा सकता था. उन्होंने कहा, ‘‘जब हम पानी के मुद्दों (एसवाईएल सहित) की बात करते हैं, जो लंबे समय से चले आ रहे हैं, तो पंजाब के पास एक भी बूंद अतिरिक्त नहीं है.”
जाखड़ ने पिछले सप्ताह पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा कि यह वह समय नहीं है, जब पंजाब और हरियाणा के बीच जल मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिये. हमें राई का पहाड़ बनाने की जरूरत नहीं है.’’
उन्होंने आप सरकार को बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने का सुझाव दिया. इसके साथ ही जाखड़ ने यह भी कहा, ‘‘एक बात तो साफ है कि कोई भी हमसे जबरदस्ती कुछ नहीं ले सकता, पंजाबियों को यह बर्दाश्त नहीं है. प्यार से कोई भी हमसे कुछ भी ले सकता है. हमारे देश की संघीय व्यवस्था में हर राज्य का अपना अधिकार है.’’
मान ने हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने के फैसले के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) पर भी निशाना साधा था और कहा था कि पंजाब के अधिकारों की इस तरह से ‘लूट’ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा था कि बोर्ड को उनके राज्य से संबंधित मामलों में ‘निर्देश’ देने का कोई अधिकार नहीं है.