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Bengaluru Stampede IPL RCB: मंगलवार (3 जून, 2025) को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 18 साल के बाद आईपीएल का फाइनल खिताब जीता. RCB की इस जीत का बेंगलुरु में पूरी रात जश्न मनता रहा. इसके बाद जैसे ही बेंगलुरु के लोगों को पता चला कि अगली सुबह (4 जून) को ही आरसीबी की टीम आईपीएल ट्रॉफी के साथ बेंगलुरु पहुंचने वाली है तो लोगों का उत्साह और ज्यादा बढ़ने लगा.

लोगों को शुरुआत में जानकारी मिली कि आरसीबी की टीम एयरपोर्ट से सुबह 10-11 बजे के आसपास निकलेगी और विक्ट्री परेड करते हुए विधानसभा तक पहुंचेगी. इसी वजह से RCB के फैंन्स सुबह से ही विधानसभा के आसपास जुटने शुरू हो गए थे. जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा था, भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी. दोपहर दो-तीन बजे तक यह संख्या लाखों में बदल गई और विधानसभा के आसपास तिल रखने तक की जगह नहीं बची.

कोई ऊंचे पेड़ पर चढ़ा, तो कोई विधानसभा, हाई कोर्ट और मेट्रो स्टेशन की दीवार पर

धीरे-धीरे यह भीड़ स्टेडियम तक भी पहुंचने लगी थी क्योंकि लोगों को जानकारी मिलने लगी थी कि शाम को स्टेडियम में भी कार्यक्रम होना है, जिसके लिए फ्री पास जारी हो रहे हैं. ऐसे में हालत यह हो गई की कि बेकाबू भीड़ विधानसभा की बाउंड्री पार कर अंदर जाने की कोशिश करने लगी तो वहीं कई लोग ऐसे थे जो ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के ऊपर चढ़ गए. इतना ही नहीं सामने हाई कोर्ट की बाउंड्री के ऊपर भी लोग चढ़ने लगे, इसी तरह विधानसभा और हाईकोर्ट के सामने बने मेट्रो स्टेशन के ऊपर भी लोग खड़े हो गए.

आईपीएल की विजेता टीम को देखने के लिए फैंस हो गए थे बेकाबू

इसके साथ ही विधानसभा परिसर के बाहर लगी मूर्तियों के ऊपर भी लोग चढ़ने लगे. इस बीच लोगों को जानकारी मिली की टीम के खिलाड़ी विधानसभा पहुंच गए हैं, लेकिन उस रास्ते से नहीं जहां पर वह लोग खड़े हैं, बल्कि आरसीबी की टीम पीछे के रास्ते से विधानसभा में दाखिल हुई. इसके बाद लोगों का सब्र टूटने लगा और वह कैसे भी विधानसभा के अंदर खिलाड़ियों को देखने की कोशिश में लग गए. इसके बाद जब पुलिस और विधानसभा की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों ने लोगों को रोकने के लिए हल्का बल का प्रयोग किया तो उसके बाद वहां भगदड़ मची, इस बीच लोगों को यह भी जानकारी मिली कि अगर यहां पर खिलाड़ियों को नहीं देख पा रहे हैं तो स्टेडियम में जाकर उनको देख सकते हैं.

अस्पष्ट जानकारी मिलने से सिर्फ इधर से उधर भाग रहे थे लोग

इसके बाद अचानक भीड़ विधानसभा से स्टेडियम की तरफ भागने लगी, क्योंकि विधानसभा से स्टेडियम की दूरी करीब 1 किलोमीटर की है और खिलाड़ियों के वहां पहुंचने का वक्त नजदीक आ रहा था, लिहाजा हर कोई जल्द से जल्द स्टेडियम तक पहुंचाना चाहता था. इस बीच स्टेडियम के लिए पहले से ही पास जारी किए गए थे जो लगभग 35,000 लोग ले चुके थे. इसके चलते जो भी लोग स्टेडियम की तरफ भाग रहे थे उनको इस बात का अंदाजा नहीं था कि अगर वह स्टेडियम तक पहुंच भी जाएंगे, तब भी अंदर नहीं पहुंच पाएंगे.

सड़क से लेकर मेट्रो तक, हर जगह फैंस कर रहे थे भागा-दौड़ी

लेकिन फिर भी दर्शकों की कोशिश यही थी कि स्टेडियम के आसपास पहुंच जाए और इसी के चलते जो भीड़ विधानसभा के आसपास या रास्ते में थी वह एक साथ स्टेडियम के बाहर पहुंच गई. लोगों को इस बात का एहसास हो गया था कि स्टेडियम तक पैदल पहुंचना मुमकिन नहीं है, इस वजह से बहुत सारे लोग जिनको पता चला कि टीम विधानसभा से स्टेडियम के लिए निकल रही है तो वह मेट्रो के सहारे स्टेडियम के पास तक पहुंच चुके थे और लगातार भीड़ बढ़ती जा रही थी.

आरसीबी की टीम को देखने पहुंचे 2 से 3 लाख फैंस, सुरक्षा कर्मियों की संख्या सीमित

प्रत्यक्षदर्शियो के मुताबिक, भीड़ में मौजूद लोगों की संख्या 2 से 3 लाख की थी, जबकि स्टेडियम के बाहर सुरक्षा कर्मियों की संख्या बेहद ही सीमित थी. जैसे ही खिलाड़ियों की बस विधानसभा से निकलने वाली थी उसी समय स्टेडियम के बाहर लोग हर हालत में स्टेडियम के अंदर जाने के लिए दीवार फांदने की कोशिश में लग गए और गेट तोड़कर अंदर जाने की कोशिश करने लगे. इसके बाद वहां मौजूद प्रशासन और पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग किया और इसी के बाद अचानक भगदड़ मच गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आरसीबी की फैन्स की अधिकतर मौतें स्टेडियम के बाहर ही हुई है, जबकि विधानसभा के बाहर लोगों को चोट जरूर लगी, लेकिन वहां पर मौत नहीं हुई.

सरकार और आरसीबी की ओर से सोशल मीडिया पर किया गया था पोस्ट

वहीं, इस सबके बीच सोशल मीडिया पर किए गए वह दो पोस्ट भी सामने आ चुके हैं, जिसमें एक पोस्ट सरकार की तरफ से किया गया था, जिसमें शाम 4 बजे विधानसभा पर खिलाड़ियों के सम्मान की बात कही गई थी और लोगों से उसमें शामिल होने का जिक्र था. जबकि दूसरा पोस्ट आरसीबी ने अपने हैंडल से किया था, जिसमें शाम 5 बजे विक्ट्री परेड के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में खिलाड़ियों के साथ जीत का उत्सव मनाने की बात कही गई थी.

पुलिस और प्रशासन की अनुमति के बिना राज्य सरकार और टीम ने किया था पोस्ट

यह सब तब किया गया था जब पुलिस और प्रशासन ने पहले ही व्यक्ति परेड निकालने की अनुमति नहीं दी थी. कुल मिलाकर इस घटना की सबसे बड़ी वजह जो सामने आई है वह है किसी भी स्तर पर लोगों को सही जानकारी उपलब्ध न करवाई गई. वहीं, दूसरा जब भीड़ जुट रही थी तो उसको विधानसभा और स्टेडियम के आसपास इकट्ठा होने देना, अगर पहले ही भीड़ को एक जगह इकट्ठा होने से रोका जाता है तो इस तरह की घटना नहीं होती.



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