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India-Turkey Relation: मुंबई को अब अपने सपनों के रोबोटिक लाइफबॉय मिलने में और देर हो सकती है, क्योंकि शहर की नगर निगम ने तुर्की निर्मित रोबोट की खरीद योजना को रद्द कर दिया है. प्रारंभिक योजना के अनुसार, ये रिमोट से संचालित बचाव उपकरण मुंबई के छह प्रमुख समुद्र तटों पर तैनात किए जाने थे. एक अधिकारी ने पीटीआई को यह जानकारी दी. यह फैसला भारत-तुर्की संबंधों में खटास और तुर्की के पाकिस्तान समर्थन के कारण लिया गया है.

भारत-तुर्की संबंधों में तनाव
तुर्की की सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और भारत के आतंकवाद रोधी कदमों की आलोचना की, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो गए. इसके चलते तुर्की उत्पादों के बहिष्कार की मांग भी उठी.

रोबोटिक लाइफबॉय को किया जाना था तैनात 
बृहन्मुंबई नगर निगम ने इन रोबोटिक लाइफबॉय को गिरगांव चौपाटी, शिवाजी पार्क (दादर), जुहू, वर्सोवा, आकसा और गोराई समुद्र तटों पर तैनात करने की योजना बनाई थी. हालांकि, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया पर तुर्की के विरोध के कारण योजना रद्द की गई.

नगर आयुक्त की पुष्टि
नगर आयुक्त भूषण गगरानी ने साफ़ किया कि तुर्की में निर्मित रोबोटिक लाइफबॉय की खरीद योजना को नगर निगम ने रद्द कर दिया है.

रोबोटिक लाइफबॉय की विशेषताएं
यह रोबोटिक लाइफबॉय लाइफगार्ड की मदद के लिए डिज़ाइन किए गए थे. इनमें डुअल वॉटर जेट्स और 10,000 mAh की रिचार्जेबल बैटरी लगी होती है. ये 200 किलोग्राम तक भार ले जा सकते हैं और समुद्र में 800 मीटर की दूरी 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तय कर सकते हैं. एक बार चार्ज होने पर यह लगभग एक घंटे तक काम कर सकता है.

राजनीतिक प्रतिक्रिया
यूरेशियन देश के साथ हुए इस सौदे के बाद, बीएमसी को बीजेपी और शिवसेना सहित कई राजनीतिक पार्टियों से तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा. नेताओं ने विदेशी उपकरण की खरीद पर सवाल उठाए और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने की मांग की.



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