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SAD Sukhbir Singh Badal Crticize Leaders Opposing Ceasefire Says War Would have Affected Punjab Badly | सीजफायर की आलोचना करने वालों पर भड़के अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल, बोले


Sukhbir Singh Badal on PM Modi: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. सुखबीर बादल ने सीमा पर दुश्मनों से निपटने में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना भी की. साथ ही, आतंकवादियों और उन्हें पालने वाले पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए भारतीय सेना को बधाई दी. 

शिरोमणि अकाली दल प्रमुख ने स्थिति को कूटनीतिक ढंग से संभालने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए खहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व की वजह से पाकिस्तानी सेना के संघर्ष विराम की गुहार लगाने के लिए अमेरिका भागना पड़ा. युद्ध के मैदान पर निर्णायक जीत के बाद, प्रधानमंत्री ने दुश्मनी खत्म करने के उनके अनुरोध को स्वीकार करके एक राजनेता की तरह काम किया.” 

सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जीत के बाद शांति सबसे सम्मानजनक रास्ता है. बता दें, शिरोमणि अकाली दल पहले बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल था. 

सीजफायर की आलोचना करने वालों पर भड़के बादल
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बादल ने दुश्मनी रोकने के लिए समझौते की आलोचना करने वाले और युद्ध भड़काने वाले नेताओं की भी निंदा की. उन्होंने कहा, “ये वे नेता हैं जिन्होंने कभी युद्ध से हुए नुकसान को नहीं देखा. केवल अपने ड्रॉइंगरूम में टेलीविजन स्क्रीन पर देखते हैं. ये लोग देश के असली दुश्मन हैं.”

‘युद्ध का नुकसान पंजाब झेलता’
सुखबीर बादल ने आगे कहा, “अगर युद्ध लंबे समय तक चलता तो पंजाब को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता. भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा सीमावर्ती इलाकों में रहता है. पूर्ण युद्ध की स्थिति में, हमें जीवन और संपत्ति दोनों का विनाश देखना पड़ता. शुक्र है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव को तेजी से खत्म कर के युद्ध टाल दिया गया.”

‘सिख समुदाय पाकिस्तान के झूठे दावों में नहीं आया’
शिअद प्रमुख बादल ने कहा, “पाकिस्तान ने यह दावा करके सिखों के दिलों और दिमागों में नफरत के बीज बोने की पूरी कोशिश की थी कि भारत ननकाना साहिब को निशाना बना रहा है, लेकिन सिख समुदाय ने उसके झूठ को पूरी तरह से खारिज कर दिया. मालूम हो, भारत और पाकिस्तान ने चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए 10 मई को समझौता किया था.



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