Sambhal Violence 180 days complete New police station Mandir Open More Activities ann
Sambhal News: संभल में बीते 180 दिन पहले जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. जहां कभी तनाव का माहौल था, अब वहां विकास और धार्मिक गतिविधियों की चहलकदमी दिखने लगी है. इन छह महीनों में जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं, वहीं मंदिरों के कपाट भी खुले हैं और कई ऐतिहासिक मूर्तियों की स्थापना की योजना पर काम तेज़ी से चल रहा है.
14 दिसंबर 2024 को, हिंसा के 22 दिन बाद, शहर से लगभग एक किलोमीटर दूर प्राचीन श्री कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट जनता के लिए खोल दिए गए. यह मंदिर लंबे समय से बंद था और एक चारदीवारी से घिरा हुआ था, जिसे अब हटाया जा चुका है. मंदिर की साफ-सफाई खुद जिले के एएसपी श्रीश्चंद्र और सीओ अनुज चौधरी ने की थी. इसके बाद यहां शिवरात्रि, होली और नवरात्रि जैसे पर्वों पर पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ. मंदिर को भगवा रंग में रंगा गया है और सुरक्षा के लिहाज़ से पीएसी व पुलिस बल के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर धार्मिक गतिविधियों को बल मिला है.
हिंसा के बाद शुरू हुआ शहर का विकासकार्य
इसके साथ ही, संभल के चंदौसी चौराहे पर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा लगाने के लिए चौड़ीकरण का काम शुरू हो चुका है. शंकर कॉलेज चौराहे पर भगवान परशुराम की और मनोकामना मंदिर स्थित सद्भावना पार्क में माता अहिल्याबाई होल्कर की मूर्तियां लगाने की योजना है. वहीं, नखासा-हिंदूपुरा खेड़ा में भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और ठेर मोहल्ला के अटल बाल उद्यान पार्क में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी.
इन स्थानों की दूरी जामा मस्जिद से अधिकतम ढाई किलोमीटर के दायरे में है. यानी शहर के भीतर ही एक नया धार्मिक-सांस्कृतिक नक्शा तैयार किया जा रहा है. सुरक्षा के लिहाज से सत्यव्रत पुलिस चौकी को दो मंजिला बनाकर क्षेत्र में शांति व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. चौकी में हर वक्त पुलिस तैनात रहती है.
चर्चित सीओ अनुज चौधरी का हुआ तबादला
इस दौरान पुलिस अधिकारियों में तबादले भी हुए. ‘52 जुम्मे होली एक बार’ वाले बयान को लेकर चर्चा में आए सीओ अनुज चौधरी का कार्यक्षेत्र बदला गया और उन्हें चंदौसी भेजा गया. इस बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी समर्थन मिला था. वहीं, एएसपी श्रीश्चंद्र, जिन्होंने मंदिर की सफाई की थी, उन्हें अब इटावा देहात भेज दिया गया है.
संभल जिले में पिछले कुछ वर्षों से सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माहौल रहा है. नवंबर 2024 में जामा मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान हुए विरोध-प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था. इसी के बाद प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा के इंतज़ाम बढ़ा दिए और धार्मिक स्थलों को लेकर कड़े फैसले लिए. सरकार की नीति रही है कि सभी धर्मों को स्वतंत्र रूप से अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है, लेकिन शांति व्यवस्था सर्वोपरि है. अब संभल में धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देने के साथ-साथ शहर को ऐतिहासिक पहचान दिलाने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर बस पलटी, 8-10 तीर्थयात्री घायल, सीएम धामी ने जताया दुख