social media influencer Sharmistha Panoli Kolkata Police said her arrest was made lawfully | शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर कोलकाता पुलिस बोली
सोशल मीडिया इन्फलुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी को लेकर कोलकाता पुलिस ने रविवार (01 जून, 2025) को कहा कि कुछ सोशल मीडिया अकाउंट से शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी के बारे में गलत जानकारी फैलाई जा रही है. वहीं, पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया हो रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे सेलेक्टिव कार्रवाई करार दिया है.
कोलकाता पुलिस ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रीय गौरव और देशभक्ति व्यक्त करना एक ऐसी चीज है, जिसका हर नागरिक और संगठन समर्थन करता है. कोलकाता पुलिस भी इससे अलग नहीं है, वह भारत के नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है.
शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ कहां दर्ज हुआ था मामला?
पुलिस की तरफ से कहा गया कि आरोपी के खिलाफ गार्डेनरीच थाने में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका वीडियो भारत के नागरिकों के एक वर्ग की धार्मिक आस्था का अपमान करता है और विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य और घृणा को बढ़ावा देने वाला है. मामला भारतीय न्याय संहिता की उचित धारा के तहत दर्ज किया गया था.
Some social media accounts are spreading false information that Kolkata Police has unlawfully arrested a law student for opposing Pakistan. This narrative is mischievous and misleading.
Expressing national pride and patriotism is a thing that every citizen and organisation…
— Kolkata Police (@KolkataPolice) June 1, 2025
‘गिरफ्तारी से पहले किए नोटिस देने के प्रयास’
उन्होंने कहा कि इस मामले की विधिवत जांच की गई और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए आरोपी को बीएनएसएस की धारा 35 के तहत नोटिस देने के कई प्रयास किए गए, लेकिन हर बार वह फरार पाई गई. इसके बाद सक्षम न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया और आरोपी को गुरुग्राम से वैध तरीके से गिरफ्तार किया गया. उसके बाद मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार ट्रांजिट रिमांड ली गई. बाद में आरोपी को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
पोस्ट में कहा गया कि कोलकाता पुलिस ने कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार वैधानिक रूप से काम किया है. आरोपी को देशभक्ति व्यक्त करने के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया था, बल्कि समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देने वाली आपत्तिजनक सामग्री शेयर करने के लिए कानूनी कार्रवाई की गई.
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