SP Singh Baghel says Bhagwat Katha should be included in syllabus ABP Podcast Inside Out With Megha Prasad
Inside Out With Megha Prasad: केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने भागवत कथा को लेकर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि स्कूल और यूनिवर्सिटी में भागवत कथा पाठ्यक्रम में शामिल होनी चाहिए. ABP के पॉडकास्ट Inside Out With Megha Prasad के खास प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे हैरी पॉटर को तो जान रहे हैं, लेकिन भगवान राम की मां का नाम पूछो तो गूगल करने लगते हैं.
एबीपी न्यूज का ये पॉडकास्ट Inside Out With Megha Prasad आप अगले शुक्रवार (27 जून 2025) को ABP News के YouTube और Facebook पर LIVE देख सकते हैं.
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल का एक बयान सामने आया है. ABP के Podcast ‘Inside Out With Megha Prasad’ में पॉलिटिकल एडिटर मेघा प्रसाद के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भागवत कथा पाठ्यक्रम में होनी चाहिए. अगर भागवत कथा का आयोजन न हो तो लोग इसे भूल जाएंगे. बच्चे आजकल हैरी… pic.twitter.com/zUGdqM6h0v
— ABP News (@ABPNews) June 16, 2025
Inside Out With Megha Prasad प्रोग्राम आ चुके हैं ये नेता
ABP न्यूज का पॉडकास्ट Inside Out With Megha Prasad प्रोग्राम सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय है. इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक इस मंच से विकसित भारत के लिए अपने-अपने मंत्रालय के रोडमैप की चर्चा कर चुके हैं. वहीं बीजेपी नेता नितेश नारायण राणे और शाहनवाज हुसैन, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद अपनी-अपनी पर्टियों का पक्ष रख चुके हैं. वहीं जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी बिहार चुनाव को लेकर कई सवालों का जवाब दे चुके हैं.
इन राज्यों में श्रीमद्भागवत गीता को सिलेबस में शामिल करने के निर्देश
पिछले महीने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता को सिलेबस में शामिल करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा था, “हमारी सरकार ने श्रीमद्भागवत गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है. यह केवल एक उपदेश नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला और नैतिक मूल्यों का दर्शन है.”
इस साल के शुरुआत में हरियाणा सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत राज्य के स्कूलों में आठवीं तक श्रीमद्भगवद्गीता को सिलेबस में शामिल करने का निर्देश दिया था. पिछले साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदू धार्मिक ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता पर चार वैल्यू-एडिशन कोर्स शुरू करने के प्रस्ताव से विवाद शुरू हो गया था. यूनिवर्सिटी के कई शिक्षकों ने इस पर सवाल उठाया था. कुछ फैकल्टी मेंबर ने इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप और उच्च शिक्षा का भगवाकरण करने का आरोप लगाया था.
ये भी पढ़ें : ‘यह मेरे करियर की सबसे दुखद घटना’, अहमदाबाद विमान हादसे पर बोले टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन