State Election Commission Delhi announce bypolls 12 MCD wards soon 3 AAP 8 BJP
MCD Bypolls Dates: दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 वार्डों में उपचुनाव होने वाले हैं. राज्य चुनाव आयोग जल्द इसकी घोषणा कर सकता है. शुक्रवार (2 मई) को आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. हाल ही में आयोग ने एक अधिसूचना जारी की है. इसमें 12 वार्डों के लिए निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इससे संकेत मिल रहा है कि उपचुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं.
खाली हुई सीटों के कारण
सूत्रों ने बताया कि इन उपचुनावों की तारीखों की घोषणा वर्तमान कानून व्यवस्था और राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी. पीटीआई के अनुसार ये 12 वार्ड इस कारण खाली हो गए क्योंकि बीजेपी पार्षद कमलजीत सेहरावत 2024 के आम चुनावों में लोकसभा सांसद चुनी गईं, जबकि अन्य 11 पार्षद फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में विधायक बन गए.
विधानसभा चुनावों में जीतने वाले पार्षदों में 3 आम आदमी पार्टी (AAP) और 8 भारतीय जनता पार्टी (BJP) से थे. बीजेपी की रेखा गुप्ता, जो शालीमार बाग बी वार्ड से पार्षद थीं, विधायक बनने के बाद अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं.
आयोग की अधिसूचना
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने 28 अप्रैल को जारी अधिसूचना में कहा, “दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 7बी के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों के तहत, मैं, विजय देव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का राज्य चुनाव आयुक्त, दिल्ली सरकार से परामर्श कर 12 वार्डों के लिए निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त करता हूं.”
उपचुनाव वाले वार्ड
उपचुनाव जिन वार्डों में होने हैं, उनमें मुंडका, शालीमार बाग बी, चांदनी चौक, द्वारका बी, नारायणा, संगम विहार ए और दक्षिणपुरी सहित अन्य वार्ड शामिल हैं.
गौरतलब है कि दिसंबर 2022 में हुए नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 134 वार्डों में जीत हासिल कर नगर निगम में सत्ता प्राप्त की थी और बीजेपी के 15 साल के वर्चस्व को खत्म किया था. बीजेपी को 104 वार्डों में जीत मिली थी. हालांकि हाल ही में हुए महापौर चुनाव में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को पछाड़ते हुए महापौर और उपमहापौर दोनों पदों पर कब्जा जमाया. AAP ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था, खासकर पिछले कुछ महीनों में कई पार्षदों के पाला बदलने के चलते उसे झटका लगा था.
अब इन 12 खाली वार्डों में उपचुनाव पर सभी की निगाहें हैं, जो ना सिर्फ स्थानीय राजनीति बल्कि दिल्ली के नगर निगम के शक्ति संतुलन को भी प्रभावित कर सकते हैं.