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Swati Maliwal Case: Delhi Police Did Not Find Kejriwals PA Bibhav Kumar At Home – स्वाति मालीवाल केस : FIR दर्ज होने के बाद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार के घर पहुंची दिल्ली पुलिस



Swati Maliwal Case: Delhi Police Did Not Find Kejriwals PA Bibhav Kumar At Home – स्वाति मालीवाल केस : FIR दर्ज होने के बाद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार के घर पहुंची दिल्ली पुलिस

अधिकारियों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार को मामले में आरोपी बनाया गया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मामले को लेकर बिभव कुमार को शुक्रवार को तलब किया है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पीएस कुशवाह के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम ने स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज करने के बाद एफआईआर दर्ज की. पुलिस ने मध्य दिल्ली में स्थित मालीवाल के आवास पर उनका बयान दर्ज किया. पुलिस की टीम चार घंटे से अधिक समय तक उनके आवास पर रही.

सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज

अधिकारियों के अनुसार बिभव कुमार पर सिविल लाइंस पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), धारा 506 (आपराधिक धमकी), धारा 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द बोलना या कोई इशारा करना) और धारा 323 (हमला करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सोमवार को सिविल लाइंस पुलिस थाने में पहुंचकर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के निजी स्टाफ के एक सदस्य ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर उनके साथ ‘‘मारपीट” की. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मालीवाल द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, वह ड्राइंग रूम में बैठी थीं, जब कुमार आए और कथित तौर पर उन्हें कई बार थप्पड़ मारे.

सूत्रों के मुताबिक स्वाति मालीवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह मुख्यमंत्री आवास से बाहर भागीं और पुलिस को फोन किया. सूत्रों ने बताया कि मालीवाल ने यह भी दावा किया कि घटना के दौरान केजरीवाल अपने आवास पर मौजूद थे. 

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस मालीवाल को चिकित्सीय जांच के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले गई.

बीजेपी इस घटना पर राजनीति नहीं करे : स्वाति मालीवाल

स्वाति मालीवाल ने अपने साथ हुई कथित मारपीट के मामले को लेकर गुरुवार को चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि, बीजेपी को इस घटना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरे साथ जो हुआ, वह बहुत बुरा था. मेरे साथ हुई घटना पर मैंने पुलिस को अपना बयान दिया है. मुझे आशा है कि उचित कार्रवाई होगी. पिछले दिन मेरे लिए बहुत कठिन रहे हैं. जिन लोगों ने प्रार्थना की, उनका धन्यवाद करती हूं. जिन लोगों ने मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश की और कहा कि मैं दूसरे पक्ष के कहने पर ऐसा कर रही हूं, भगवान उन्हें भी खुश रखे.”

उन्होंने कहा कि देश में अहम चुनाव चल रहा है और स्वाति मालीवाल जरूरी नहीं है, देश के मुद्दे जरूरी हैं. मालीवाल ने कहा, ‘‘भाजपा के लोगों से विशेष आग्रह है कि इस घटना पर राजनीति न करें.”

सूत्रों ने बताया कि, स्वाति मालीवाल ने अपनी पुलिस को दी गई शिकायत में बिभव कुमार को मुख्य आरोपी बताया है, जिन्होंने कथित तौर पर मालीवाल पर तब हमला किया था जब वह सोमवार को केजरीवाल से मिलने गई थीं.

अरविंद केजरीवाल ने चुप्पी साधी

अरविंद केजरीवाल गुरुवार को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के साथ संवाददाता सम्मेलन के लिए लखनऊ पहुंचे थे. इस दौरान उनसे जब इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने जवाब दिया कि उनकी पार्टी ने पहले ही इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.

जब केजरीवाल सवाल टाल रहे थे तो अखिलेश यादव ने माइक ले लिया और कहा, ‘‘इससे भी महत्वपूर्ण बातें हैं.” इसके बाद उन्होंने कागज का एक टुकड़ा दिखाया और कहा, ‘‘बीजेपी के लोग किसी के साथ नहीं हैं, यह एक ‘गिरोह’ है जो झूठे मामले दर्ज कराता है.”

अरविंद केजरीवाल द्वारा मालीवाल मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करने के बाद लखनऊ में सोमवार को बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘आप’ के संयोजक केजरीवाल पर निशाना साधा.

बीजेपी ने केजरीवाल को निशाना बनाया

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने स्वाति मालीवाल पर कथित हमले को लेकर चुप्पी साधने पर अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाया. बीजेपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एक ‘गुंडे’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि केजरीवाल इस मामले में ‘मुख्य अपराधी’ हैं क्योंकि शिकायत के मुताबिक उनके सहयोगी बिभव कुमार ने मुख्यमंत्री आवास पर मालीवाल पर हमला किया था. भाटिया ने इसके लिए मालीवाल की ओर से दिल्ली पुलिस को फोन करके दर्ज की गई शिकायत का हवाला दिया.

भाटिया ने कहा, ‘‘उनकी (केजरीवाल) चुप्पी बहुत कुछ कहती है. स्पष्ट हो गया है कि केजरीवाल… जो जमानत पर बाहर हैं….मुख्यमंत्री कम और ‘गुंडे’ ज्यादा हो गए हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘एक महिला को पिटवाना और वह भी अपने पीए को निर्देश देकर…यह कोई छोटी-मोटी घटना नहीं है. इसकी तह तक जाना होगा. पुलिस की विवेचना होनी चाहिए. दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”

बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आखिरकार स्वाति मालीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़कर पुलिस को यह बता दिया है कि उनके साथ क्या-क्या बुरा बर्ताव हुआ था और पुलिस ने भी विभव के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 , 354, 506 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है.

उन्होंने कहा कि जब स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री आवास पर इस तरह की घटना हुई, उस समय केजरीवाल घर पर मौजूद थे. आखिर केजरीवाल ने क्यों एक महिला पर अत्याचार होने दिया? क्यों उन्होंने रोकने की कोशिश नहीं की? और आखिर क्यों चार दिनों से केजरीवाल चुप्पी साधे बैठे हैं? उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री में थोड़ी सी भी गैरत बची हो तो उन्हें तुरंत विभव को पुलिस के हवाले कर देना चाहिए. पूरा देश और पूरा समाज आज स्वाति मालीवाल के साथ खड़ा है.
 

मारपीट में शामिल व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई हो : कांग्रेस

कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट के मामले में शामिल व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.

रागिनी नायक ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस पार्टी का रुख बिल्कुल स्पष्ट है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी महिला के खिलाफ कोई अपराध होता है, तो अपराध में जो भी शामिल है, चाहे वह किसी राजनीतिक दल से हो या नहीं, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. (आप सांसद) संजय सिंह ने भी यही बात कही और कांग्रेस पार्टी ने भी यही बात कही है.” उन्होंने यह भी कहा कि मालीवाल खुद अपने कानूनी अधिकारों को समझती हैं क्योंकि वह दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

उधर, दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी.  गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी (ED) से कई सख्त सवाल  पूछे. कोर्ट ने कहा है कि ईडी अधिकारी गिरफ्तारी करने से पहले उन बयानों/ सबूतों को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते है, जो आरोपी के पक्ष में जाते हैं. अगर पीएमएलए (PMLA) के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तारी की शर्तों का उल्लंघन हुआ है, तो कोर्ट के दखल का औचित्य बनता है. उम्मीद है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई पूरी होकर अपना आदेश सुरक्षित रख लेगा.

(इनपुट एजेंसियों से भी)



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