Uddhav Thackeray Told Why The India Alliance Does Not Need A Convenor – उद्धव ठाकरे ने बताया, इंडिया गठबंधन को क्यों संयोजक की नहीं है जरूरत

उन्होंने कहा, ‘‘एक सुझाव था कि हम ‘लोगो’ पर लोगों की राय लें, क्योंकि यह लड़ाई लोगों के हित के लिए है. हम एक निश्चित समय सीमा के भीतर उनके सुझाव मांगेंगे, ताकि एक बेहतर ‘लोगो’ लेकर आ सकें.”
उन्होंने कहा, ‘‘लोगो को लेकर कोई भ्रम नहीं है. हमारे पास दो-तीन ‘लोगो’ तैयार थे, लेकिन इसके अनावरण को अभी रोक दिया गया, क्योंकि सभी को यह सुझाव पसंद आया कि हम लोगों के पास जाएं. जनभागीदारी पहले दिन से हमारे साथ रहेगी.”
ठाकरे ने ‘इंडिया’ के संयोजक पद के बारे में कहा कि प्रत्येक राज्य में एक समन्वय समिति होगी, जो ‘‘आगे बढ़ने का आसान रास्ता होगी.”
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ जहां भी संभव हो, आमने-सामने की लड़ाई सुनिश्चित करने का फैसला किया है.” ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में ‘पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी'(पीडब्ल्यूपी) इस गठबंधन में शामिल हो गई है और प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ बातचीत जारी है, जबकि अन्य राज्यों में समन्वय समितियां इसी तरह (अधिक पार्टियों को अपने साथ लाने के लिए) चर्चा करेंगी.
उन्होंने कहा कि ये समितियां संबंधित गठबंधन सहयोगियों के अध्यक्ष को रिपोर्ट करेंगी. वह उनकी पार्टी से संबद्ध श्रमिक संघ के पदाधिकारियों के साथ बातचीत के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. ठाकरे ने कहा कि विभिन्न विपक्षी दलों की दो दिवसीय चर्चा सफल रही. उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की अगली बैठक की तारीख की घोषणा नहीं की गई है, क्योंकि इसकी आवश्यकता नहीं थी और सभी नेता अब सीधे लोगों के पास जायेंगे.
उन्होंने कहा कि जल्द ही एक संयुक्त रैली आयोजित की जा सकती है, जबकि हर राज्य में सभाएं आयोजित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि गणपति उत्सव के दौरान संसद का विशेष सत्र आयोजित करना गलत है और पूछा कि क्या यह सरकार (केंद्र में) ‘‘हिंदू विरोधी” है.
उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘भगवान गणेश को विघ्नहर्ता (बाधाओं को हटाने वाला) कहा जाता है. हमें उम्मीद है कि उनके आगमन से देश की परेशानियां खत्म हो जाएंगी.” संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है.
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