UP: ‘मुन्नी’ के नाम पर पुलिस की ये कैसी कन्फ्यूजन, करना था गिरफ्तार मगर…

मामला बरेली के सीबीगंज थाना क्षेत्र के बंडिया गांव का है.
बरेली:
कहते हैं दोषी भले छूट जाए लेकिन किसी भी हाल में निर्दोष को सज़ा नहीं मिलनी चाहिए. लेकिन असल ज़िंदगी में ठीक इससे उलटा हुआ है, जहां एक मुन्नी नाम की महिला को ढूंढ रही उत्तर प्रदेश की बरेली पुलिस ने दूसरी मुन्नी को पकड़कर जेल में डाल दिया. पुलिस की चूक इस मुन्नी नाम की महिला को बहुत भारी पड़ी और सिर्फ नाम के आधार पर उसे चार दिन जेल की सलाखों के भीतर बिताने पड़े. जबकि असली आरोपी अब भी आज़ाद घूम रही है.
क्या है पूरा मामला
मामला बरेली के सीबीगंज थाना क्षेत्र के बंडिया गांव का है. यहां 2020 में बिजली चोरी के एक मामले में मुन्नी पत्नी छोटे के खिलाफ अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था. इस पर कार्रवाई करने के लिए परसाखेड़ा पुलिस चौकी के प्रभारी गांव आये और बिना किसी छान बीन किए उन्होंने मुन्नी देवी पत्नी जानकी प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया. वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि महिला का नाम भी मुन्नी था.
बीते 13 अप्रैल को बरेली पुलिस ने मुन्नी देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. चार दिन तक मुन्नी को जेल में रखने के बाद पुलिस को होश आया तो पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ. आनन फानन में दूसरी मुन्नी को रिहा कराया गया. लेकिन इस दौरान पुलिस ने मुन्नी के परिवार से माफी मांगी और कहा मीडिया से बात न करें.
जेल से रिहा होने के बाद जब मीडिया ने मुन्नी देवी से बात की तो वह डरी हुई नजर आईं और बात करने से मना करने लगी फिर भी उन्होंने इतना ज़रूर बताया कि हमारे गांव में दो मुन्नी हैं. इस घटना ने पुलिस की लापरवाही साफ दिखाई देती है.
‘गुड वर्क’ दिखाने के लिए कई बार बिना जांच के कार्रवाई कर दी जाती है और इसका नुकसान आम लोगों को भुगतना पड़ता है. मुन्नी देवी के साथ जो हुआ, वह न सिर्फ एक बड़ी चूक है बल्कि मानवाधिकारों का हनन भी है.