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UP Cabinet minister Sanjay Nishad met Keshav prasad Maurya after caste census announcement


Keshav Prasad Maurya: केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने का ऐलान किया है, जिसके बाद से भारतीय जनता पार्टी समेत एनडीए के सहयोगी दल इसे पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक बताने में जुटे हैं और इस फैसले ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दे रहे हैं. इस ऐलान के बीच योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने गुरुवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाक़ात की और एक दूसरे को बधाई दी. 

केशव प्रसाद मौर्य और संजय निषाद दोनों ने इस मुलाकात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की है. इन तस्वीरों में दोनों नेता बेहद ख़ुश दिखाई दे रहे हैं. केशव प्रसाद मौर्य ने इस मुलाकात को औपचारिक बताया. उन्होंने कहा कि- ‘उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद से लखनऊ स्थित सात कालिदास मार्ग स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट कर प्रदेश एवं उनके क्षेत्र में जारी विकास परियोजनाओं पर विस्तृत विमर्श किया.’

इस मुद्दे पर हुई दोनों नेताओं में बात
हालांकि कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने इस मुलाकात के पीछे जातिगत जनगणना को वजह बताया. निषाद ने पीएम मोदी को जातीय जनगणना कराने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहम् फैसले जातिगत जनगणना पर हार्दिक बधाई. आज लखनऊ में  उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर शिष्टाचार मुलाक़ात कर जातिगत जनगणना पर हार्दिक बधाई दिए. 

दरअसल केंद्र सरकार ने अचानक जातीय जनगणना का ऐलान कर विरोधियों को हैरान कर दिया है. विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद कर रहा था. वहीं बीजेपी के अंदर से भी कई सहयोगी दल और पिछड़े नेता इसकी हिमायत करते आए हैं. ऐसे में इस फैसले को लेकर उन्होंने खुशी जताई है और अब वो सपा-कांग्रेस समेत विरोधी दलों पर भी हमलावर दिखाई दे रहे हैं. 

विरोधी दलों पर साधा निशाना
इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘परिवादी तिकड़ी में जकड़ी कांग्रेस, सपा और राजद तीनों जाति जनगणना का श्रेय लेने का झूठमूठ का हल्ला मचा रहे हैं. दस साल पहले यूपीए शासनकाल में राजद नेता लालू प्रसाद यादव और सपा नेता मुलायम सिंह यादव यानी दो यादव परिवार कांग्रेस के शाही परिवार की मज़बूत बैसाखी बनकर केंद्र की सत्ता में अपना हिसाब-किताब साफ कर रहे थे. 

कांग्रेस दोनों को जांच एजेंसियों का खौफ दिखा रही थी. आय से अधिक संपत्ति के संगीन मामले थे. अमेरिका से परमाणु समझौता कराने में भी सपा की कथित भूमिका थी। जाति जनगणना की पैरोकारी तब केवल छलावा भर थी. अब जाति जनगणना का झूठा श्रेय लेकर ख़ुशी में पटाखा फोड़कर अपनी जग हंसाई करा रहे हैं. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की कमान संभालने के बाद दबी-कुचली जातियों को एक नई चेतना मिली है. 

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