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UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब राज्य में एक्सप्रेसवे सिर्फ तेज यातायात के रास्ते नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास के मजबूत केंद्र भी बना रही है. सरकार की रणनीति साफ है—जहां एक्सप्रेसवे, वहीं उद्योग. इसी दिशा में योगी सरकार ने गंगा, बुंदेलखंड, पूर्वांचल, आगरा-लखनऊ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की दिशा में अब तक 3827 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण और क्रय किया है, जो मंजूरशुदा कुल भूमि का लगभग 70% है. इस योजना पर अब तक 5500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं, जिसमें स्टांप ड्यूटी और निबंधन शुल्क भी शामिल है.
बीस हजार किसानों को मिला मुआवजा
इस भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में लगभग 20 हजार किसानों और भूस्वामियों को उचित मुआवजा भी दिया गया है. सरकार की इस पहल से न सिर्फ स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि भविष्य में लाखों युवाओं को रोजगार मिलने की भी संभावना है.
इन क्षेत्रों में होगा निवेश
इन इंडस्ट्रियल कॉरिडोरों में वेयरहाउस, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, दवा, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना को यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) संचालित कर रही है. यूपीडा के अनुसार, यह पहल उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगी.
सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे बने
गौरतलब है कि पिछले 7 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे निर्माण किए हैं. पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्टों ने जहां राज्य को बेहतर कनेक्टिविटी दी है, वहीं अब यह औद्योगिक बुनियादी ढांचे के रूप में भी बदल रहे हैं.
यहां भूमि अधिग्रहण पूरा
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 1043 हेक्टेयर से अधिक भूमि ली जा चुकी है, जिस पर 1882 करोड़ रुपये खर्च कर 5415 किसानों को मुआवजा दिया गया है. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लिए 1528 हेक्टेयर, पूर्वांचल के लिए 873 हेक्टेयर, गोरखपुर लिंक के लिए 168 हेक्टेयर, और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के लिए 212 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है.
ये जिले होंगे लाभान्वित
इन परियोजनाओं से आगरा, कन्नौज, इटावा, लखनऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, बांदा और जालौन जैसे जिलों को खासा फायदा होगा. इन इलाकों में छोटे और मझोले उद्योगों के साथ ही बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान भी स्थापित होने की उम्मीद है.
प्रदेश बनेगा अब उद्यम प्रदेश
योगी सरकार की यह नीति यूपी को “उद्यम प्रदेश” बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है. यह परियोजना न केवल किसानों को मुआवजा और रोजगार दे रही है, बल्कि राज्य के औद्योगिक नक्शे को भी पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है.