Uttar Pradesh wildlife census completed report release soon government in action ann
UP Wildlife News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर गंभीर है. इसी कड़ी में प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य जीव विहारों और बफर जोन क्षेत्रों में वार्षिक वन्य जीव गणना का काम 26 मई से 14 जून तक सम्पन्न हो चुका है. अब इस सर्वेक्षण की फाइनल रिपोर्ट जून के अंत तक जारी की जाएगी.
वन्य जीवों की संख्या और उनके स्वास्थ्य की जानकारी जुटाने के उद्देश्य से की जाने वाली इस गणना में इस बार विशेष रूप से बारहसिंघा, काला हिरन, चिंकारा, गैण्डा, घड़ियाल, भालू और तेंदुआ शामिल रहे. इसके अलावा हिरन, सांभर, चीतल, नीलगाय, पाढ़ा (बकरी जैसा जंगली जानवर), बंदर और लंगूर जैसे आम शाकाहारी जीवों की भी गिनती की गई.
आखिर क्यों जरूरी है गणना
उत्तर प्रदेश का वन क्षेत्र राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 6.15% है. यह न केवल जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, वर्षा संतुलन और वन्य जीवों के सुरक्षित आवास का भी आधार है. दुधवा नेशनल पार्क, कतरनियाघाट, सोहगीबरवा, चंद्रप्रभा और हस्तिनापुर वन्य जीव विहार जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों प्रजातियों के जीवों का बसेरा है.
इन्हीं क्षेत्रों में हर साल वन्य जीवों की गिनती की जाती है ताकि उनकी आबादी की स्थिति का सही अनुमान लगाया जा सके और संरक्षण की योजना बनाई जा सके. प्रमुख वन संरक्षिका अनुराधा वेमुरी ने बताया कि प्रदेश में यह गणना तीन बार—26 मई, 2 जून और 9 जून को कराई गई. इसके लिए वन कर्मियों के साथ स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर प्रगणक टीमें बनाई गईं. इन तीनों चरणों में जुटाए गए आंकड़ों का औसत निकाला जाएगा और 16 जून तक सभी वन क्षेत्रीय अधिकारियों को भेजा जाएगा.
डेटा इकट्ठा कर तय की जाएगी जीवों की असली संख्या
इसके बाद वैज्ञानिक तरीके से डेटा का विश्लेषण कर वन्य जीवों की असली संख्या तय की जाएगी.उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी मंडलों के मुख्य वन संरक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है. इन रिपोर्टों का विश्लेषण कर माह के अंत तक पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी.
प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में वन्य जीव संरक्षण के लिए कई प्रयास किए हैं. दुधवा नेशनल पार्क को बाघों के लिए सुरक्षित क्षेत्र बनाने, गैंडे और बारहसिंघा की आबादी को पुनर्जीवित करने, और सोहगीबरवा में काला हिरन की निगरानी बढ़ाने जैसे कदमों का असर अब नजर आने लगा है. यह वन्य जीव संरक्षण गणना प्रदेश की योगी सरकार की प्राथमिकता में है इस रिपोर्ट का उपयोग न सिर्फ राज्य में वन्य जीवों की स्थिति जानने के लिए होगा, बल्कि इससे भविष्य की संरक्षण नीतियों, पर्यटन योजनाओं और मानव-वन्य जीव संघर्ष को कम करने वाली रणनीतियों को भी मजबूती मिलेगी.
Input By : बलराम पांडेय