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Vishwa Hindu Raksha Parishad organized Dharma Sansad in Lucknow ANN


Lucknow News: यूपी की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आज विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने धर्म संसद का आयोजन किया. इस सम्मेलन में भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का संकल्प लिया गया. इस सम्मेलन में देश-विदेश से आए संतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

विश्व हिंदू रक्षा परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की सनातन संस्कृति खतरे में है और जब तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया जाता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा. उन्होंने कहा, यह केवल संगठन की नहीं, बल्कि हर हिंदू की जिम्मेदारी है कि वह इसके लिए एकजुट हो. अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि, ‘जब तक हिंदू बंटा रहेगा, तब तक कटता रहेगा. अब न बंटना है, न कटना है. उन्होंने इस हमले को कायराना हरकत करार देते हुए इसे हिंदू जागरण की आवश्यकता का प्रतीक बताया.

इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भी खास मौजूदगी रही. जिसमें सिंगापुर से शिव शंकर, ब्राजील से संजीव शर्मा, अमेरिका से राकेश पाल चौपड़ा, मलेशिया से पवन कुमार राय और नेपाल से पूर्व सांसद केदार नंदन चौधरी सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि मौजूद रहे. सभी ने सनातन धर्म की रक्षा को लेकर अपनी-अपनी राय रखी.

धर्म संसद में 7 प्रस्ताव हुए पास
इस धर्म संसद में 7 प्रस्ताव पास हुए, जिसमें सनातनी हेल्पलाइन नंबर जारी हुआ. हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रस्ताव पास, मुस्लिम इलाको में विश्व हिंदू रक्षा परिषद उस इलाके के मंदिरों और हिंदुओं की रक्षा के लिए कार्यालय खोलेगी. मुर्शिदाबाद घटना को.लेकर जून में सनातन यात्रा निकाली जाएगी. पूरे देश मे पश्चिम बंगाल से यात्रा शुरू होगी और कश्मीर तक जाएगी. सनातन की रक्षा करने वालो को सनातन गौरव सम्मान दिया जाएगा. हिन्दू लड़कियों से शादी मुस्लिम न कर सके इसको लेकर अभियान चलाया जाएगा. लव जिहाद के अलावा लैंड जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए सनातनी सेना बनाई जाएगी.

इस दौरान अयोध्या के संतों ने भी इसमें अपना समर्थन दिया. कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने कहा कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अब चुप नहीं बैठा जा सकता. महंत राजू दास महाराज हनुमानगढ़ी अयोध्या ने कहा कि, पहलगाम जैसी घटनाएं बार-बार धर्म पूछ कर हो रही हैं, हिंदू राष्ट्र का निर्माण अब आवश्यक है.

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