Vivo India Allegedly money Laundered more than 20 thousands Crore Three Chinese Officials Summoned ANN
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़े आर्थिक अपराध का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें चीनी मोबाइल कंपनी वीवो (VIVO) पर 20,241 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. इस सनसनीखेज मामले में दिल्ली की एक अदालत ने तीन प्रमुख विदेशी अधिकारियों शेन वेई, चेन यू फेन उर्फ एली चेंग और झीयोंग चेन उर्फ जेरोम को समन जारी करते हुए 18 अगस्त को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.
जटिल कॉर्पोरेट जाल और करोड़ों की हेराफेरी
ईडी जांच में खुलासा हुआ कि वीवो अधिकारियों ने भारत में फर्जी कॉर्पोरेट ढांचा बनाकर शेल कंपनियों के जरिये मुनाफा कमाया और उसे आयात के नाम पर चीन भेजा. ये रकम असल में अपराध से अर्जित संपत्ति थी.
वीवो चीन से सीधा नियंत्रण
जांच में यह भी सामने आया है कि भारत में कार्यरत कई वीवो से जुड़ी कंपनियों को एक ही मूल कंपनी VIVO China से निर्देशित किया जा रहा था. इन कंपनियों की आड़ में बड़े पैमाने पर पैसों का लेन-देन किया गया और रकम को विदेशी खातों में ट्रांसफर किया गया, जिससे भारत सरकार को राजस्व में भारी नुकसान पहुंचा.
PMLA की गंभीर धाराएं लागू..
दिल्ली की पतियाला हॉउस कोर्ट ने पाया कि तीनों आरोपी अधिकारियों ने न सिर्फ वीवो इंडिया की मदद की, बल्कि वीवो चाइना के साथ मिलकर मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे तंत्र को सक्रिय रूप से चलाया. उन्होंने धनशोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act – PMLA) की धारा 3 और धारा 70 का सीधा उल्लंघन किया. आरोपियों की भूमिका केवल सलाह देने तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे संपत्ति के अधिग्रहण, स्वामित्व, हस्तांतरण और उसे वैध दिखाने की गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल थे.
आरोपी विदेशी नागरिक हैं, अदालत ने समन गृह मंत्रालय के माध्यम से भेजने का आदेश दिया, ताकि वे भारतीय अदालत में पेश हों. वीवो केस अब केवल आर्थिक अनियमितताओं तक सीमित नहीं रहा—जांच एजेंसियों को हवाला और कर चोरी से जुड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की आशंका है. 18 अगस्त को विदेशी अधिकारियों की पेशी अहम मानी जा रही है, वरना गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है.