Sports

Waqf Law Hearing In SC LIVE: 5 मई को अगली सुनवाई तक वक्फ के स्टेटस में कोई बदलाव नहीं- सुप्रीम कोर्ट



वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में दलील दी कि वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 से मुसलमानों की अपने धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों के प्रबंधन में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है. प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष दलील देते हुए सिब्बल ने विवादास्पद प्रावधानों का उल्लेख किया और मुस्लिम संगठनों तथा अन्य याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों को सूचीबद्ध कराया.

उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा, जिनमें अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की शक्ति और केंद्रीय वक्फ परिषदों और बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना शामिल है. सिब्बल ने पूछा, ‘‘सरकार कैसे तय कर सकती है कि मैं मुसलमान हूं या नहीं और इसलिए वक्फ करने का पात्र हूं या नहीं?’’



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *