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Yogi government Revival of rivers in UP a mass movement water Delivered to more than 37 thousand villages ANN


Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नदियों के पुनर्जीवन और हर घर नल योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कई बड़े निर्देश दिए हैं. उन्होंने साफ कहा कि अब वक्त आ गया है जब नदियों को बचाने का काम केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन का रूप ले. उन्होंने कहा कि लखनऊ की गोमती, गाजियाबाद की हिंडन, काशी की वरुणा समेत प्रदेश की सभी नदियों को फिर से स्वच्छ और जीवंत बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है.

मुख्यमंत्री ने ‘नमामि गंगे’ और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्तों को निर्देश दिए कि वे नदियों के पुनरोद्धार की जिम्मेदारी लें और इस साल का पौधरोपण अभियान खासकर नदियों के किनारे किया जाए. उन्होंने कहा कि इस काम में आम जनता की भागीदारी जरूरी है, ताकि हर नागरिक नदी संरक्षण का भागीदार बने.

लखनऊ की गोमती नदी पर खास ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री ने ‘अविरल-निर्मल गोमती’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए एक महीने में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाने का निर्देश दिया. मानसून के बाद भौतिक कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गोमती में सीवर या गंदा पानी गिरने की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए, इसके लिए ड्रेनेज और सीवर को अलग किया जाए.

मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन और ‘हर घर नल’ योजना की भी समीक्षा की. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह योजना हर गांव तक साफ पेयजल पहुंचाने का संकल्प है. अब तक 37,730 गांवों में पाइप से पानी की आपूर्ति शुरू हो चुकी है, जिसमें से 25,166 गांवों का प्रमाणीकरण भी पूरा हो गया है. बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के 5,000 से ज्यादा गांवों में अब हर रोज स्वच्छ पानी पहुंच रहा है.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन जगहों पर पाइपलाइन डालने के कारण सड़कें खुद गई हैं, वहां तत्काल मरम्मत की जाए. साथ ही, जनप्रतिनिधियों से कहा गया कि वे खुद जाकर काम का निरीक्षण करें और जल आपूर्ति की स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजें. गर्मी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए पूरी सरकार सतर्क है. सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनें, नोडल अधिकारी तैनात हों और खराब हैंडपंपों की मरम्मत तुरंत की जाए. जल शिकायतों का 24 घंटे में निस्तारण हो और पानी की गुणवत्ता में कोई समझौता न हो.

वॉटर हेड टैंकों के आसपास साफ-सफाई करने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन से सिर्फ पानी नहीं पहुंचा, बल्कि इससे गांवों में महिलाओं की गरिमा बढ़ी है, उनका समय बचा है और सामाजिक बदलाव भी आया है. उन्होंने बुंदेलखंड और विंध्य में योजना के असर का अध्ययन कराने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी वॉटर हेड टैंकों के आसपास साफ-सफाई और सजावट करवाई जाए, ताकि लोगों में पानी के संरक्षण को लेकर जागरूकता फैले.

2024 तक हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाना है मकसद

गौरतलब है कि केंद्र सरकार का ‘जल जीवन मिशन’ 2019 में शुरू हुआ था, जिसका मकसद 2024 तक हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाना है. उत्तर प्रदेश में इस योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में तेजी से लागू किया जा रहा है. वहीं, नदियों के संरक्षण के लिए ‘नमामि गंगे’ जैसी योजनाओं के तहत पहले से काम चल रहा है. अब सरकार इसे सामाजिक आंदोलन का रूप देने जा रही है, ताकि आम लोगों की भागीदारी से नदियों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सके.



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