News

YouTuber Jyoti Malhotra Pakistani Spy Long Before Pakistan Honey Trapped Diplomat Madhuri Gupta


Pakistani Spy Madhu Gupta Story: पाकिस्तान कहने को तो पड़ोसी देश है लेकिन भारत के खिलाफ उसकी साजिशें लगातार खुलकर सामने आती रहती हैं. चाहे वो आतंकी हमला हो, आम नागरिकों को निशाना बनाना हो या फिर खुफिया एजेंसी आईएसआई का भारतीय डिप्लोमैट को हनी ट्रैप में फंसाना हो. यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा इसका ताजा उदाहरण है. जासूसी के आरोपों से घिरी ज्योति ने पूर्व आईएफएस अफसर माधुरी गुप्ता की याद दिला दी, जिसने आईएसएसआई एजेंट के प्यार में पागल होकर पाकिस्तान को कई खुफिया जानकारियां दी थीं.

इन दोनों में अतंर सिर्फ इतना है कि माधुरी गुप्ता यूट्यूबर न होकर बल्कि एक डिप्लोमैट थी और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में सचिव (प्रेस एवं सूचना) के पद पर तैनात थी. माधुरी गुप्ता को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट जमशेद ने हनीट्रैप में फंसाया और झूठे प्यार के वादे करके अपने एजेंडे के लिए उसका बड़ी चालाकी से इस्तेमाल किया. 2010 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने माधुरी को पाकिस्तान की आईएसआई जासूसी एजेंसी को डिफेंस संबंधित संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

जैश के आतंकी मसूद अजहर की लिखी किताब ने बढ़ाई जान पहचान

पुलिस जांच के मुताबिक, मुदस्सर राणा और जमशेद नाम के पाकिस्तानी खुफिया एजेंट माधुरी के संपर्क में थे. जमशेद का कोड नेम जिम था. इन दोनों की माधुरी से मुलाकात एक महिला पत्रकार ने कराई थी. दरअसल माधुरी जैश-ए-मोम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर की लिखी एक किताब को ढूंढ़ रही थी और इस किताब को दिलवाने में इन दोनों एजेंटों ने मदद की थी.

धर्म बदलकर जमशेद से निकाह को तैयार थी माधुरी

इसके बाद माधुरी और जमशेद का मुलाकातों का दौर शुरू होता है और फिर ये प्यार में बदल जाता है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि माधुरी की उम्र 50 साल थी तो जमशेद सिर्फ 30 साल का था. जमशेद ने प्यार का ऐसा जाल बिछाया जिसमें माधुरी फंसती चली गई. यहां तक कि वो जमशेद से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म कबूल करने को तैयार थी और इंस्ताबुल में सेटल होना चाहती थी.

जमशेद ने माधुरी की किस बात का उठाया फायदा

धीरे-धीरे माधुरी जमशेद से अपने सीक्रेट शेयर करने लगी. उसने ये भी बताया कि वो भारत सरकार से नाराज थी क्योंकि सरकार ने उसकी दो साल की छुट्टी मंजूर नहीं की और सैलरी भी रोक दी गई. इसी बात का फायदा जमशेद ने उठाया और माधुरी की फीलिंग्स का इस्तेमाल करके खूब कान भरे. बात यहां तक पहुंच गई कि माधुरी अपने देश से गद्दारी करने को तैयार हो गई और जमशेद अपने मंसूबों में कामयाब होने लगा.

माधुरी भी जान चुकी थी कि जमशेद कोई आम इंसान नहीं बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंट है. इसके बाद खेल में दूसरे किरदार की एंटी होती है- मुदस्सर राणा जो माधुरी से पहले भी मिल चुका था. यहां जान लेना जरूरी है कि जमशेद और मुदस्सर पाकिस्तान के तत्कालीन गृह मंत्री रहमान मलिक के क्लासमेट थे.

अब इन दोनों के निर्देशों पर माधुरी काम करने लगी. 2010 में उसने इन्हीं लोगों के कहने पर जम्मू-कश्मीर का दौरा किया. ये दौरा राज्य की वार्षिक योजना रिपोर्ट हासिल करने के लिए क्या गया था. दरअसल राणा प्रस्तावित 310 मेगावाट की हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी हासिल करना चाहता था. ये प्रोजेक्ट 2020 तक जम्मू-कश्मीर में स्थापित किया जाना था.

कैसे खुली माधुरी की पोल

माधुरी पर तब शक होना शुरू हुआ जब उसने अपने क्षेत्र से बाहर के मामलों में दिलचस्पी दिखानी शुरू की. भारतीय खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला की इस्लामाबाद में बैठा कोई राजनयिक भारत की खुफिया जानकारी आईएसआई तक पहुंचा रहा है. इसके बाद सार्क समिट की तैयारियों के बहाने माधुरी को अचानक ही दिल्ली बुला लिया गया और जांच करने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

जांच में क्या आया सामने?

इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि माधुरी ने रॉ और नातिगत फैसलों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी आईएसआई को दी. इसमें भारत-पाकिस्तान बातचीत से जुड़े एजेंडे और 26/11 हमलों की जांच से जुड़ी जानकारी भी शामिल थी. माधुरी अपने ब्लैकबेरी फोन और ईमेल के जरिए जमशेद और राणा के लगातार संपर्क में रही. इस दौरान उसने न केवल खुफिया दस्तावेज शेयर किए बल्कि भारत में काम कर रहे खुफिया अधिकारियों के नाम और ईमेल पासवर्ड भी शेयर किए. जांच में उसके ईमेल खातों से करीब 6 दर्जन ईमेल आईडी मिलीं जो पाकिस्तानी एजेंटों ने उसके लिए बनाई थीं.

2018 मे अदालत ने माधुरी को दोषी ठहराया और अपनी सजा के बाद वो एकांत में अपना जीवन व्यतीत करने लगी. जमानत पर बाहर आने के बाद वो राजस्थान के भिवाड़ी में वो अकेले ही रहती थी. 2021 में माधुरी की मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: वीजा फाइल क्लियर करने के 5 हजार रुपये लेता था दानिश, यासीन लाकर देता था क्लाइंट… पाकिस्तानी जासूसी कांड में खुले डार्क सीक्रेट



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *