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छिंदवाड़ा जेल में मौत: पुलिस पर हिरासत में मारपीट का आरोप, न्यायिक जांच की मांग


Chhindwara News: छिंदवाड़ा जिला जेल में बंद पांढुर्ना तहसील के तिगांव निवासी भावराव उइके की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने पुलिस और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान बेरहमी से मारपीट की, जिससे उसकी हालत बिगड़ी और आखिरकार जेल में उसकी मौत हो गई.

मिली जानकारी के अनुसार, भावराव उइके को 3 जून को आबकारी एक्ट की धारा 34(2) के तहत गिरफ्तार किया गया था. जेल अधीक्षक प्रतीक जैन के मुताबिक, आरोपी 4 जून को जेल में दाखिल हुआ था. सोमवार सुबह जब लॉकअप खोला गया तो वह बेचैन नजर आया और पसीने से तरबतर था. उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

‘पुलिस ने सीने में मारी थी लात’
मृतक की पत्नी सरला उइके ने बताया कि उनके पति ड्राइवर थे और 2 जून की रात से लापता थे. “देर रात तक जब वे घर नहीं लौटे तो मैंने पता किया. जानकारी मिली कि शराब भट्टी वालों ने उन्हें मंडी से उठाया और बाद में थाने में आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दिया गया. जब मैं थाने पहुंची तो पति फटे कपड़ों में थे और उनके सीने में दर्द था. उन्होंने बताया था कि पुलिस ने सीने में लात मारी थी,” सरला ने कहा.

उन्होंने आगे बताया कि भावराव को कभी भी किसी प्रकार की शारीरिक बीमारी नहीं थी. उन्होंने रोते हुए कहा, “आज सुबह जेल प्रबंधन से फोन आया कि तबीयत खराब है, लेकिन कुछ ही देर में मौत की सूचना मिल गई,” 

‘हार्ट अटैक नहीं हिरासत में हुई हत्या’
परिजनों ने इस मौत को हार्ट अटैक नहीं, बल्कि हिरासत में हुई मारपीट का नतीजा बताया है. उन्होंने न्यायिक जांच की मांग करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है.

फिलहाल, मृतक का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में किया जा रहा है. प्रशासन ने मामले की जांच के संकेत दिए हैं, लेकिन पीड़ित परिवार निष्पक्ष कार्रवाई की मांग पर अड़ा है.

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Input By : सचिन पांडे



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