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नामी ज्वेलरी ब्रांड के हवाला और क्रिप्टो घोटाले का पर्दाफाश, ईडी की छापेमारी में 6.30 करोड़ रुपये नकद जब्त



<p style="text-align: justify;"><strong>Mumbai News:</strong> देश की आर्थिक अपराध शाखा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने "टॉरेस ज्वेलरी" ब्रांड नाम से कार्यरत है, के खिलाफ एक बड़े हवाला और क्रिप्टो घोटाले का भंडाफोड़ किया है. 9 मई को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत ईडी ने मुंबई और सूरत में कुल 4 ठिकानों पर छापेमारी की. इस कार्रवाई में 6.30 करोड़ रुपये नकद और कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए.</p>
<p style="text-align: justify;">यह कार्रवाई नवी मुंबई के वाशी APMC पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी. जांच के दौरान सामने आया कि कंपनी ने Moissanite डायमंड और अन्य ज्वेलरी की बिक्री के बदले भारी मात्रा में नकदी इकट्ठा की. लेकिन इस नकदी को वैध व्यापार में लगाने के बजाय, हवाला चैनलों के जरिए यूएसडीटी (USDT) क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आरोपी नकद इकट्ठा कर क्रिप्टो में करता था कन्वर्ट</strong><br />इस पूरे घोटाले का संचालन अल्पेश खारा नामक व्यक्ति कर रहा था, जो Oleksandr Zapichenko उर्फ Alex और ओलेना स्टोइन के निर्देश पर काम करता था. अल्पेश, मुंबई के टॉरेस शोरूम्स से नकद इकट्ठा करता और फिर उसे क्रिप्टो में कन्वर्ट करवाता था.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अल्पेश खारा को ED ने 26 मार्च को किया था गिरफ्तार&nbsp;</strong><br />ईडी ने 26 मार्च 2025 को अल्पेश खारा को गिरफ्तार किया था, जो 1 अप्रैल 2025 तक ईडी की हिरासत में रहा. जांच में यह भी उजागर हुआ कि अल्पेश खारा एक जानी-मानी अंगड़िया संस्था का फ्रेंचाइजी मालिक था, जिसकी शाखाएं देशभर में फैली थीं. उसी नेटवर्क का इस्तेमाल कर नकदी का बड़े पैमाने पर अवैध आदान-प्रदान किया गया.</p>
<p style="text-align: justify;">ईडी की ताजा कार्रवाई का उद्देश्य हवाला लेन-देन में शामिल अंगड़िया ऑपरेटरों और नेटवर्क्स की पहचान और उन पर शिकंजा कसना है. इससे पहले 23 जनवरी 2025 को की गई छापेमारी में 21.75 करोड़ रुपये के बैंक खातों को फ्रीज़ किया गया था और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज तथा डिजिटल डिवाइसेज़ जब्त किए गए थे.</p>
<p style="text-align: justify;">प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच अब भी जारी है और इसमें और भी नाम उजागर हो सकते हैं. यह कार्रवाई देश में अवैध वित्तीय गतिविधियों के खिलाफ ईडी की सख्त नीति को दर्शाती है.</p>



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