साउथ एक्स्ट्रेस रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग केस, ईडी ने 16 ठिकानों पर की छापेमारी

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव से जुड़े बहुचर्चित सोने की तस्करी मामले में बड़ी सफलता हासिल की है. ED द्वारा की गई जांच में कई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों का खुलासा हुआ है, जिसमें काले धन को अलग-अलग परतों में छुपाने की साजिश भी सामने आई है. ईडी ने इस नेटवर्क से जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं के 16 परिसरों पर एक साथ छापेमारी की. इन छापों के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए.
1. हवाला ऑपरेटर
जांच में सामने आया कि कुछ हवाला ऑपरेटरों ने सोना खरीदने के लिए अवैध तरीके से विदेशी करेंसी के लेनदेन में अहम भूमिका निभाई. इनमें से कई ने स्वीकार किया है कि उनका अभिनेत्री रान्या राव से सीधा लेन-देन हुआ है. कुछ खरीदारों ने यह भी माना है कि उन्होंने रान्या से सोना खरीदा और उसे जौहरियों को बेचा.
2. फर्जी वित्तीय लेन-देन (अकॉमोडेशन एंट्री ऑपरेटर)
ईडी को ऐसे कई व्यक्ति और कंपनियाँ मिली हैं, जिन्होंने रान्या राव के खातों में नकली लेन-देन दिखाकर करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए. एक उदाहरण में एक कंपनी ने रान्या राव को “कंस्ट्रक्शन लेबर सप्लायर” के रूप में दिखाकर करोड़ों रुपये दिए. ऐसी कई कंपनियों के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई है.
3. शैक्षणिक ट्रस्ट द्वारा फंड डायवर्जन
एक शैक्षणिक ट्रस्ट ने अपनी फंडिंग का दुरुपयोग करते हुए रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल का ₹40 लाख भुगतान किया. यह भुगतान कथित रूप से एक प्रभावशाली व्यक्ति के निर्देश पर किया गया. लेकिन इस लेन-देन को लेकर कोई दस्तावेज या वैध बिल नहीं पाया गया है.
4. अवैध फॉरेक्स लेन-देन
जांच के दौरान ऐसे व्यक्ति और संस्थाएं भी सामने आई हैं जो भारतीय रिज़र्व बैंक की मंजूरी के बिना विदेशी मुद्रा से जुड़े अवैध कारोबार में शामिल थीं. इस बाबत कई पुख्ता सबूत ईडी को मिले हैं.
5. अपराध से अर्जित आय (Proceeds of Crime)
ईडी ने अब तक जांच में कई करोड़ रुपये की अवैध कमाई को ट्रैक किया है और मनी ट्रेल की बारीकी से जांच जारी है. फंड्स के स्रोत और उनकी वैधता की गहराई से पड़ताल की जा रही है. फिलहाल यह मामला जांच के अधीन है और प्रवर्तन निदेशालय आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटा हुआ है.
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